धर्म

सर्वपितृ अमावस्या 2025: ब्राह्मणों को दक्षिणा में क्या दें और किन गलतियों से बचें?

सर्वपितृ अमावस्या 2025 पर ब्राह्मणों को दक्षिणा में क्या देना चाहिए? जानिए सही वस्तुएं और दान के नियम ताकि पितरों को मिले मोक्ष और आपके जीवन में आए सुख-समृद्धि। इस पावन दिन की प्रमुख परंपराएं और गलतियों से बचने के उपाय भी पढ़ें।

सर्वपितृ अमावस्या (Sarva Pitru Amavasya) हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह दिन पितृ पक्ष का अंतिम दिन होता है, जब उन सभी पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात न हो। इस दिन किए गए श्राद्ध और दान से पितृ खुश होते हैं और उनके आत्मा को मोक्ष प्राप्त होता है। इस आस्था के बीच ब्राह्मणों को दक्षिणा देना एक अनिवार्य अनुष्ठान भी है, जिसे सही ढंग से करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है। आइए जानें इस दिन ब्राह्मणों को दक्षिणा में क्या-क्या देना चाहिए और किन गलतियों से बचना चाहिए।

सर्वपितृ अमावस्या का महत्व

सर्वपितृ अमावस्या पितरों की तृप्ति के लिए समर्पित दिन है। मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध कर्म और तर्पण से मृतकों की आत्मा को शांति मिलती है। जो लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध समय पर नहीं कर पाए होते, उनके लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन किया गया दान और दक्षिणा पितृ प्रसन्नता का मार्ग खोलती है और जीवन में सुख-समृद्धि लाती है।

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ब्राह्मणों को दक्षिणा में क्या दें?

धन (पैसे): ब्राह्मणों को दक्षिणा में धन देना अत्यंत शुभ माना जाता है। इससे ब्राह्मण अपनी आवश्यक वस्तुएं खरीद सकते हैं और यह दान सीधे पितरों तक पहुंचता है। दक्षिणा में दिया गया धन श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक होता है।

कपड़े: धोती, कुर्ता, गमछा या अन्य साफ-सुथरे नए वस्त्र दक्षिणा में देना शुभ होता है। कपड़े का दान ब्राह्मणों को गरिमा और सम्मान प्रदान करता है।

अनाज: गेहूं, चावल, दाल और तिल का दान बहुत पुण्यकारी माना जाता है। विशेष रूप से तिल का दान पितरों को मोक्ष दिलाने में सहायक होता है।

जूते-चप्पल और छाता: अगर ब्राह्मण दूर से आए हों तो जूते-चप्पल या छाता देना भी परंपरा में शामिल है, जो उनकी सुविधा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

पवित्र बर्तन: तांबे या कांसे के बर्तन जैसे थाली, लोटा, गिलास आदि देना शुभ माना जाता है, क्योंकि ये धातुएं धार्मिक दृष्टि से पवित्र मानी जाती हैं।

अन्य उपयोगी वस्तुएं: ब्राह्मणों को शक्कर, नमक, सब्जियां, और ऐसी अन्य वस्तुएं देना जो उनके दैनिक जीवन में काम आ सकें, शुभ फलदायी होता है।

सर्वपितृ अमावस्या पर किन गलतियों से बचें?

दक्षिणा देते समय किसी भी प्रकार का अहंकार, दिखावा या लालच मन में नहीं होना चाहिए।

दान हमेशा सम्मानपूर्वक और भोजन के बाद ही दें।

अगर एक से अधिक ब्राह्मणों को दक्षिणा दे रहे हों तो सभी को समान वस्तुएं और धन दें।

दक्षिणा की वस्तुएं अच्छी और उपयोगी होनी चाहिए, अधपकी या खराब चीजें न दें।

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