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देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल का दूसरा दिन: सीएम धामी ने किया ‘लीडिंग लेडीज’ पुस्तक का विमोचन | DDLF में रचनात्मकता और संवाद का संगम

देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल 2025 के दूसरे दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने ‘लीडिंग लेडीज’ पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम में साहित्य, महिला सशक्तिकरण और उत्तराखंड की संस्कृति पर जोर दिया गया। पढ़ें पूरी खबर।

दून इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित दून लिटरेचर फेस्टिवल (DDLF) का दूसरा दिन साहित्य, सृजनशीलता और संवाद का अनोखा संगम लेकर आया। शनिवार को कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लेखक आग्रहरी ढींगरा की पुस्तक ‘लीडिंग लेडीज’ का विमोचन किया। सीएम धामी के आगमन से कार्यक्रम में ऊर्जा और उत्साह का संचार देखने को मिला।

साहित्य समाज और संस्कृति का दर्पण: सीएम धामी

पुस्तक विमोचन के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने साहित्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा “साहित्य भावनाओं, अनुभवों और विचारों को अभिव्यक्त करने का सशक्त माध्यम है। सामाजिक और सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ाने में साहित्य की अहम भूमिका होती है।”

उन्होंने कहा कि लीडिंग लेडीज ऑफ इंडिया जैसी पुस्तकें न केवल प्रेरणा देती हैं, बल्कि महिलाओं को आगे बढ़ने की नई दिशा प्रदान करती हैं। सीएम ने आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक युवा पीढ़ी, विशेषकर महिलाओं में आत्मविश्वास जगाने का कार्य करेगी।

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महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार के प्रयास

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण को मजबूत करने के लिए देश और राज्य में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में महिला स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। प्रदेश की संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने की दिशा में सरकार सतत कार्य कर रही है। सीएम धामी ने यह भी कहा कि महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी भूमिका मजबूती से निभा रही हैं और सरकार उनका हर कदम पर सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

DDLF: संवाद और रचनात्मकता को बढ़ावा देने वाला मंच

दून लिटरेचर फेस्टिवल को लेकर सीएम धामी ने कहा कि यह मंच— नई सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा देता है, लेखकों, पाठकों और विद्यार्थियों को एक साझा प्लेटफॉर्म प्रदान करता है, और सामाजिक-सांस्कृतिक विषयों पर चर्चा का प्रभावी माध्यम बन चुका है। दूसरे दिन भी लिटरेचर फेस्टिवल में साहित्य, कला, लेखन और संस्कृति से जुड़े कई सत्रों ने दर्शकों को आकर्षित किया।

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