धर्म

Sita Navami 2025: सीता नवमी कब मनाई जाएगी, यहां जानें मुहूर्त और पूजा विधि

पंचांग के अनुसार राम नवमी के एक माह बाद यानी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर सीता नवमी (Sita Navami 2025) मनाई जाती है जिसे जानकी नवमी भी कहा जाता है। धार्मिक लोगों का मानना है कि यह तिथि है जब माता सीता धरती पर आईं।

Sita Navami 2025: माता सीता, जिन्हें जानकी, मैथिली, सिया आदि नामों से जाना जाता है, रामायण का एक महत्वपूर्ण पात्र थीं। माना जाता है कि माता सीता अपने अनुयायियों की हर इच्छा पूरी करती हैं। सीता नवमी जानकी जी और भगवान राम की कृपा पाने के लिए भी उत्तम दिन है। अब चलिए सीता नवमी की पूजा का मुहूर्त और विधि जानते हैं।

सीता नवमी शुभ मुहूर्त

वैशाख शुक्ल नवमी तिथि 05 मई 2024 को सुबह 07 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, तिथि 06 मई को सुबह 08 बजकर 38 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में, उदया तिथि को देखते हुए सोमवार 05 मई को सीता नवमी का पर्व मनाया जाएगा। सीता माता की पूजा करने के लिए यह सही समय है –

नवमी मध्याह्न मुहूर्त- सुबह 11 बजे 14 बजे से दोपहर 1 बजे 52 बजे तक

माता सीता पूजा विधि ( Sita Navami Puja Vidhi)

सीता नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लें। मंदिर को साफ करने के बाद, एक चौकी पर लाल कपड़ा डालकर भगवान श्रीराम और माता सीता की प्रतिमा या चित्र रखें। इसके बाद पूजा शुरू करते हुए माता सीता को शृंगार, अक्षत और फूल माला अर्पित करें। माता सीता और भगवान राम को फल और मिठाई देकर घी का दीपक जलाएं। अंत में भगवान राम और सीता जी की आरती करें और माता सीता के मंत्रों का जप करें।

माता सीता के मंत्र

1. “ॐ सीतायै नमः”

2. “श्री जानकी रामाभ्यां नमः”

3. मूल मंत्र – श्री सीतायै नमः।

4. बीज मंत्र – “ॐ श्री सीता रामाय नमः”

5. गायत्री मंत्र – “ॐ जनकाय विद्महे राम प्रियाय धीमहि। तन्नो सीता प्रचोदयात्॥”

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