Surya Grahan 2025: सूर्य ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से कैसे बचें? वेदों में बताए गए ये उपाय जरूर करें
Surya Grahan 2025: जानिए वेदों में बताए गए सूर्य ग्रहण के उपाय जिनसे आप नकारात्मक ऊर्जा, बीमारियों और तनाव से बच सकते हैं। मंत्र, दान और शुद्धिकरण से करें ग्रहण दोष का समाधान।
Surya Grahan 2025 Upay in Hindi: साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लगेगा और यह कन्या राशि में होगा। खगोलीय दृष्टि से सूर्य ग्रहण जितना महत्वपूर्ण माना जाता है, उतना ही इसका ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से भी गहरा प्रभाव होता है। वेदों में सूर्य ग्रहण के समय बढ़ने वाली नकारात्मक शक्तियों के बारे में विस्तार से बताया गया है, साथ ही उन उपायों का भी उल्लेख है जिनसे हम इस नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं।
सूर्य ग्रहण का वेदों में वर्णन
ऋग्वेद में सूर्य ग्रहण का उल्लेख “स्वरभानु” नामक राक्षस की कथा के रूप में मिलता है। कथा के अनुसार, स्वरभानु ने छल से अमृत पान कर लिया था, जिसके बाद भगवान विष्णु ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। सिर राहु बना और धड़ केतु। चूंकि सूर्य और चंद्रमा ने इस छल का भंडाफोड़ किया था, इसलिए आज भी राहु-केतु इन्हीं ग्रहों पर ग्रहण लगाते हैं।
अथर्ववेद में ग्रहण को एक नकारात्मक घटना माना गया है। इसमें बताया गया है कि ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है, जिससे बीमारियों, मानसिक तनाव और बाधाओं का खतरा बढ़ता है।
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वेदों में बताए गए सूर्य ग्रहण के उपाय (Surya Grahan Ke Upay)
अगर आप 21 सितंबर 2025 को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए वैदिक उपाय ज़रूर करें:
1. इन मंत्रों का करें जाप
ग्रहण के समय इन मंत्रों का जाप करने से नकारात्मकता का नाश होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है:
महामृत्युंजय मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
गायत्री मंत्र: ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
सूर्य मंत्र: ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः
2. तुलसी के पत्तों का करें उपयोग
ग्रहण के समय भोजन और पानी में तुलसी के पत्ते डालने से उसकी शुद्धता बनी रहती है।
ध्यान रखें, ग्रहण के दिन तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए, इसलिए एक दिन पहले ही पत्ते तोड़कर रखें।
3. गंगाजल से करें शुद्धिकरण
ग्रहण समाप्त होते ही घर में गंगाजल का छिड़काव करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
4. पवित्र नदी में स्नान करें
ग्रहण के बाद गंगा, यमुना या अन्य किसी पवित्र नदी में स्नान करने से मानसिक और शारीरिक शुद्धि होती है।
5. पीपल में जल अर्पित करें
पीपल के वृक्ष में जल अर्पण करने से ग्रहण के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
6. सूर्य ग्रह से संबंधित चीजों का दान
गुड़, गेहूं, तांबा या स्वर्ण जैसे वस्तुओं का दान करें। इससे कुंडली में सूर्य मजबूत होता है और ग्रहण दोष शांत होता है।
7.आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ
यदि संभव हो तो सूर्य ग्रहण के दिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
ग्रहण के दौरान क्या न करें?
ग्रहण काल में भोजन, पानी का सेवन न करें।
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
ग्रहण के समय सोना, नाखून काटना, बाल काटना वर्जित होता है।
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