सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर्स और लाइब्रेरियनों को राहत देते हुए उनकी सेवाएं नई भर्ती तक जारी रखने की अनुमति दी है। जानें सुप्रीम कोर्ट का पूरा फैसला और हरजोत बैंस की प्रतिक्रिया।
पंजाब के उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े 1158 असिस्टेंट प्रोफेसर्स और लाइब्रेरियनों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि इन सभी शिक्षकों की सेवाएं तब तक जारी रहेंगी जब तक नई भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होती। कोर्ट का यह फैसला राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और निरंतरता बनाए रखने के लिए अहम माना जा रहा है।
क्या था मामला?
वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी कारणों से इन 1158 प्रोफेसर्स और लाइब्रेरियनों की भर्ती को रद्द कर दिया था। इसके बाद पंजाब सरकार ने अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। सरकार ने दलील दी कि इन शिक्षकों को हटाने से सरकारी कॉलेजों की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला
सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब तक नई वैकेंसी और भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक सभी 1158 शिक्षक सरकारी कॉलेजों में अपनी सेवाएं जारी रख सकेंगे। कोर्ट के इस फैसले से न केवल इन शिक्षकों को राहत मिली है, बल्कि कॉलेजों में पढ़ने वाले लाखों छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित नहीं होगी।
शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस का बयान
इस फैसले के बाद पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा: “सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला पंजाब की उच्च शिक्षा के लिए एक बड़ी जीत है। इससे छात्रों की पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आएगी और गुणवत्ता युक्त शिक्षा का प्रवाह जारी रहेगा।”
Big Relief for Higher Education of Punjab :
Hon’ble Supreme Court has allowed Punjab Govt’s request to let 1158 Assistant Professors & Librarians continue in Govt Colleges till new recruitment.
This ensures continuity of education for our students in government colleges.… pic.twitter.com/6nHNPol6BN
— Harjot Singh Bains (@harjotbains) August 18, 2025
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