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पीएम मोदी ने किसानों को दी ₹35,000 करोड़ की सौगात, बोले- पिछली सरकारों ने खेती को उसके हाल पर छोड़ दिया

पीएम मोदी ने ₹35,440 करोड़ की धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन की शुरुआत की। जानिए कैसे यह योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगी।

पीएम मोदी ने शनिवार को देश के किसानों को एक बड़ा तोहफा देते हुए कृषि क्षेत्र के लिए लगभग ₹35,440 करोड़ रुपये की लागत से दो बड़ी योजनाओं की शुरुआत की। इनमें ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ प्रमुख हैं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि यह योजनाएं किसानों की आय दोगुनी करने और भारत को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम हैं।

कृषि क्षेत्र के लिए अब तक की सबसे बड़ी योजनाएं

पीएम मोदी ने नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से इन योजनाओं की शुरुआत करते हुए बताया कि “धन-धान्य कृषि योजना” के तहत देश के 100 जिलों में कृषि उत्पादन को बढ़ाने, सिंचाई सुविधाओं में सुधार, किसानों को कर्ज मुहैया कराने और फसल प्रबंधन को सुदृढ़ करने पर कार्य होगा। इस योजना के लिए ₹24,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

वहीं, ‘दलहन आत्मनिर्भरता मिशन’ के तहत भारत को दालों के आयात पर निर्भरता से मुक्त करने का लक्ष्य तय किया गया है। यह योजना ₹11,440 करोड़ रुपये की है और इसे छह वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

पशुपालन, मत्स्य पालन और फूड प्रोसेसिंग पर भी सरकार का फोकस

पीएम मोदी ने बताया कि पशुपालन के क्षेत्र में ₹1166 करोड़ रुपये की लागत से 17 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, मत्स्य पालन योजना के तहत ₹693 करोड़ और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए ₹800 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

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किसानों के लिए प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा

सरकार किसानों के बीच प्राकृतिक खेती को लोकप्रिय बनाने के लिए भी विशेष कार्यक्रम चला रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम से पहले विभिन्न किसानों से मुलाकात की और उनसे कृषि क्षेत्र की चुनौतियों और उनके समाधान पर चर्चा की।

‘पिछली सरकारों ने कृषि को उसके हाल पर छोड़ दिया’

कृषि योजनाओं के लॉन्च के मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछली सरकारों के पास कृषि के लिए न तो कोई दूरदर्शी सोच थी और न ही कोई ठोस रणनीति। उनका रवैया लापरवाह था, जिसके कारण भारत की कृषि व्यवस्था कमजोर होती गई। हमारी सरकार ने इस स्थिति को बदलने का काम किया है।”

पीएम मोदी ने भारत रत्न जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की और कहा कि यह दोनों नेता ग्रामीण भारत और किसानों की आवाज थे।

दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर विशेष जोर

प्रधानमंत्री ने कहा कि “दलहन आत्मनिर्भरता मिशन” केवल उत्पादन बढ़ाने का मिशन नहीं है, बल्कि यह भावी पीढ़ियों को पोषण और समृद्धि देने का एक मिशन है। भारत आज भी बड़ी मात्रा में दालों का आयात करता है, और इसे खत्म करने के लिए यह योजना अहम भूमिका निभाएगी।

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