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GST Council Meeting: जीएसटी रिफॉर्म के बीच 3 अहम फैसलों पर टिकी सबकी नजर, आम जनता को मिलेगा फायदा?

GST Council की अहम बैठक में चार टैक्स स्लैब को दो में कम करने, रोजमर्रा की वस्तुओं पर टैक्स घटाने और लग्जरी उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने जैसे महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं। जानिए पूरी खबर और संभावित असर।

 GST Council Meeting: केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बुधवार से शुरू हुई GST Council की दो दिवसीय बैठक में देश में जीएसटी व्यवस्था को और सरल बनाने और आम जनता को राहत देने के लिए कई बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाल किले से किए गए जीएसटी सुधार के ऐलान को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। आइए जानते हैं इस बैठक में कौन-कौन से अहम मुद्दे और फैसले सामने आ सकते हैं।

अहम मुद्दे और फैसले- GST Council Meeting

1. चार स्लैब से घटकर केवल दो स्लैब होने की संभावना

वर्तमान में जीएसटी चार टैक्स स्लैब  5%, 12%, 18% और 28%  पर लागू होता है। बैठक में इसे घटाकर सिर्फ दो स्लैब — 5% और 18% करने पर विचार किया जा रहा है। इससे टैक्स सिस्टम और भी सरल हो जाएगा और प्रशासनिक बोझ कम होगा। यह बदलाव आम जनता और व्यापारियों के लिए काफी राहत प्रदान कर सकता है।

2. रोजमर्रा की वस्तुएं होंगी सस्ती

बैठक में यह भी प्रस्तावित है कि टीवी, वॉशिंग मशीन, फ्रिज जैसी इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को 28% स्लैब से घटाकर 18% स्लैब में लाया जाए, जिससे ये उत्पाद किफायती हो जाएंगे। इसके साथ ही घी, सुपारी, पानी की बोतल, नमकीन, दवाइयां और मेडिकल उपकरण जैसी रोजमर्रा की जरूरी वस्तुएं, जो अब 12% स्लैब में हैं, उन्हें 5% में लाने की योजना है। इसका सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा।

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3. लग्जरी और हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स बढ़ सकता है

जहां आम वस्तुओं पर राहत दी जा रही है, वहीं प्रीमियम कारों, एसयूवी और अन्य लग्जरी उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की योजना है। फिलहाल इन पर 28% जीएसटी लागू है, जिसे बढ़ाकर 40% तक किया जा सकता है। इसके अलावा हानिकारक उत्पादों पर भी अधिक टैक्स लगाने से सरकार राजस्व संतुलन बनाए रखने का प्रयास करेगी।

विपक्षी राज्यों का मुआवजे का दबाव- GST Council Meeting

जीएसटी स्लैब में बदलाव के प्रस्ताव को लेकर विपक्षी दलों के शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों ने बैठक से पहले मंथन किया है। हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्रियों ने केंद्र सरकार से राजस्व हानि की भरपाई के लिए मुआवजा देने की मांग की है। उनका कहना है कि स्लैब कम करने से राज्यों की आमदनी प्रभावित हो सकती है और इसकी भरपाई जरूरी है।

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