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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिए कड़े निर्देश, उत्तर प्रदेश में 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य

उत्तर प्रदेश में 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल संरक्षण और जल संकट से निपटने के लिए कड़े निर्देश दिए।

प्रदेश में जल संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अब 100 वर्ग मीटर से बड़े सभी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य होगी। यह कदम शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल संकट से निपटने के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग (लघु सिंचाई) की समीक्षा करते हुए जल संरक्षण के लिए कई अहम पहलुओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 तक प्रदेश में 82 अतिदोहित और 47 क्रिटिकल क्षेत्र थे, जिनमें राज्य सरकार की सक्रियता से कमी आई है। वर्तमान में 2024 में ये संख्या घटकर 50 अतिदोहित और 45 क्रिटिकल क्षेत्र रह गए हैं। आने वाले वर्षों में इन्हें पूरी तरह सामान्य श्रेणी में लाने का प्रयास किया जाएगा।

उन्होंने जल संरक्षण के लिए चेक डैम, तालाब और ब्लास्टकूप के निर्माण एवं जीर्णोद्धार की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया। प्रदेश में अब तक 6,448 चेकडैम बनाए जा चुके हैं, जिनसे लगभग 1,28,960 हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र को अतिरिक्त जल उपलब्ध कराया गया है। इन चेकडैमों के माध्यम से हर साल लगभग 10 हजार हेक्टेयर मीटर भूजल रिचार्ज हो रहा है, जिससे किसानों को साल में दो से तीन फसलें उगाने में मदद मिल रही है।

वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 से 1,002 चेकडैमों की डी-सिल्टिंग और मरम्मत की गई है। इसके अलावा 16,610 तालाबों में से 1,343 का जीर्णोद्धार भी किया गया है। प्रदेश के ब्लास्टकूपों के माध्यम से 18,576 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता विकसित हुई है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह भी आदेश दिया कि एक अप्रैल से 15 जून तक कुम्हारों को तालाबों से मिट्टी निकालने की छूट दी जाए, ताकि तालाब जल संचयन के लिए तैयार हो सकें। बारिश के बाद इन तालाबों का उपयोग मत्स्य पालन और सिंघाड़ा उत्पादन के लिए किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

इसके साथ ही, हर जिले में तालाबों, ब्लास्टकूपों और चेकडैमों की नियमित फोटोग्राफी कराकर उनका रिकॉर्ड रखा जाएगा ताकि इन जल संरचनाओं की स्थिति पर नजर रखी जा सके और समय-समय पर आवश्यक सुधार किए जा सकें।

प्रदेश में जल संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस निर्देश से यह उम्मीद की जा रही है कि जल संकट से निपटने के लिए ठोस और दीर्घकालिक समाधान मिलेंगे, जिससे किसानों और आम जनता के लिए पानी की उपलब्धता बेहतर होगी।

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