धर्म

बरसात में छत पर उग आया पीपल का पेड़? जानिए वास्तु दोष और सही उपाय

बरसात के मौसम में घर की छत या बालकनी पर पीपल का पेड़ उगना वास्तु शास्त्र में अशुभ माना जाता है। जानिए इसे कैसे हटाएं और पूजा विधि जिससे होगा वास्तु दोष से बचाव।

पीपल का पेड़: बरसात के दौरान कई बार घर की छत या बालकनी में पीपल का पौधा उग आता है। यह प्राकृतिक कारणों से होता है जब हवा के साथ बीज छत पर गिरते हैं और बारिश के पानी से अंकुरित हो जाते हैं। हालांकि धार्मिक दृष्टि से पीपल का पेड़ पूजनीय है और इसे देवताओं का वास माना जाता है, लेकिन वास्तु शास्त्र में यह माना गया है कि घर के भीतर या छत पर इसका उगना अशुभ होता है। इसके कारण घर के सदस्यों को आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

पीपल का पेड़ छत या घर में होना क्यों माना जाता है अशुभ?

आचार्य इंदु प्रकाश जी के अनुसार, हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है, लेकिन जब यह घर के अंदर या छत पर उगता है तो यह वास्तु दोष का संकेत होता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसे पेड़ परिवार की तरक्की में बाधा उत्पन्न करते हैं और रोज़ाना नए संकट लाते हैं। इसीलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि यदि घर में पीपल का पेड़ उग आए तो उसे जल्द से जल्द हटाना चाहिए।

पीपल के पेड़ को सुरक्षित तरीके से कैसे उखाड़ें?

पीपल के पेड़ को काटना अशुभ माना जाता है, इसलिए इसे सावधानीपूर्वक हटाना आवश्यक है। सबसे पहले पेड़ को थोड़ा बड़ा होने दें ताकि जड़ें मजबूत हों। फिर पूजा कर, कच्चा दूध चढ़ाकर और विधि-विधान से उसका सम्मान करते हुए मिट्टी सहित पेड़ को खोदकर घर से बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर लगाएं। ऐसा करने से वास्तु दोष नहीं लगता और परिवार में शांति बनी रहती है।

शनिवार को पीपल की पूजा का महत्व

पीपल के पेड़ की पूजा विशेष रूप से शनिवार को करनी चाहिए। यह दिन शनि देवता का माना जाता है और इस दिन की पूजा से शनि दोष में राहत मिलती है। इसके अलावा, इससे पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। पूजा करते समय पेड़ के नीचे दीपक जलाएं, पानी चढ़ाएं और शुद्ध व आत्मिक श्रद्धा से मंत्रों का जाप करें।

क्या करें और क्या न करें?

पीपल के पेड़ को घर में उगने देना टालें। यदि गलती से उग जाए तो इसे बिना किसी क्षति के बाहर निकाल दें। इसे काटना केवल अंतिम विकल्प हो, तब भी रविवार के दिन पूजा कर काटें। किसी भी हालत में इसे बिना पूजा या विधि के काटना या नुकसान पहुंचाना टालें क्योंकि ऐसा करने से परिवार में अशांति और दुर्भाग्य आ सकता है।

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