हरियाणा सरकार ने जुलाई 2023 की 42 दिन की लिपिक हड़ताल को उपार्जित अवकाश माना, वेतन कटौती और सेवा में बाधा नहीं होगी। जानिए सरकार के आदेश की पूरी जानकारी।
हरियाणा सरकार ने जुलाई 2023 में 42 दिन की हड़ताल पर रहे लिपिक कर्मचारियों के लिए बड़ा राहत भरा फैसला लिया है। अब इस हड़ताल अवधि को उपार्जित अवकाश (Leave of the Kind Due) माना जाएगा, जिससे न तो इस दौरान वेतन कटौती होगी और न ही इसे सेवा में बाधा (ब्रेक इन सर्विस) माना जाएगा।
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जो वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी हैं, ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश के तहत, हड़ताल से पहले अर्जित अवकाश को सबसे पहले समायोजित किया जाएगा। इसके बाद ‘हाफ पे लीव’ कटौती की जाएगी। यदि इन कटौतियों के बाद भी हड़ताल की अवधि बचती है, तो अग्रिम अवकाश स्वीकृत किया जाएगा, जिसे भविष्य में अर्जित होने वाले अवकाश से समायोजित किया जाएगा।
यह राहत केवल उन लिपिकों के लिए है जिन्होंने इस विशेष हड़ताल में हिस्सा लिया था। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह एक बार की विशेष व्यवस्था है और इसे भविष्य में मिसाल नहीं माना जाएगा। यह आदेश अन्य कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा।
जुलाई 2023 की हड़ताल मूल वेतन 35,400 रुपये करने की मांग को लेकर हुई थी, जिसमें लगभग 15,000 से अधिक लिपिक शामिल थे। उस समय सरकार ने ‘नो वर्क-नो पे’ नीति लागू कर हड़ताली कर्मचारियों का वेतन काटा था।
हरियाणा सरकार ने प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्तों, उपायुक्तों, एसडीएम और खजाना अधिकारियों को इस आदेश के अनुपालन के निर्देश दिए हैं।
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