Indore Murder Case: शादी नहीं करने से परेशान था! इंदौर में बुजुर्ग पिता और बहन की हत्या कर भागने वाले आरोपी को गोवा में गिरफ्तार किया गया।
Indore Murder Case
Indore Murder Case: इंदौर पुलिस ने आखिरकार अपने पिता और बहन की हत्या करने वाले युवा भाई और बेटे को गिरफ्तार कर लिया। डबल मर्डर का आरोपी गोवा भाग गया था। लेकिन अपराधी की एक छोटी सी गलती ही उसे अंजाम तक पहुंचाती है। आरोपी ने अपनी गलती की और गिरफ्तार हुआ। पढ़िए पूरा मामला।
इंदौर पुलिस ने अपनी बहन और पिता की क्रूर हत्या का आरोपी गिरफ्तार किया है। गोवा से गिरफ्तार किए गए आरोपी ने 8 नवंबर को नवलखा के वसुधैव कुटुम्बकम अपार्टमेंट में अपने पिता किशोर धामन्दे और सगी बहन रमा अरोरा की हत्या कर दी। पुलिस ने दोनों के शव अपार्टमेंट में ही बरामद किए थे। घटना के बाद से आरोपी पुत्र पुलकित घर से भाग गया था। इस आरोपी को पुलिस लगातार खोज रही थी। बाद में बैंक टांजेक्शन के आरोप में आरोपी को गोवा से गिरफ्तार कर लिया गया।
शादी नहीं की इसलिए था नाराज़
Indore Murder Case: आरोपी की उम्र ४६ वर्ष थी और अभी तक अविवाहित था। इसलिए वह अपने पिता से परेशान रहा। आरोपी कुछ समय पहले ही नशामुक्ति केंद्र से बाहर निकला था। वह मनोरोगी था और उपचार भी ले रहा था। पुलिस ने बताया कि वह दोनों शवों के पास 48 घंटे तक बैठा रहा।
हत्या के बाद नहीं है मलाल
पुलकित, जो अपने ही पिता और बहन की हत्या करने का आरोपी है, सामान्य जीवन जी रहा है और दोनों हत्याओं का कोई मलाल नहीं है। पुलिस ने कहा कि सोमवार दोपहर को उसने लॉकअप में चाय की मांग की। पुलिस ने कहा कि उसने बहन की हत्या की क्योंकि उसकी बहन अक्सर अपने पिता को पुलकित के खिलाफ भड़काती थी। पिता अक्सर उसके साथ बहस करते थे। आरोपी ने पूछताछ में कहा कि उसके पिता ने उसे कार चलाने के लिए चाभी तक नहीं दी। वहीं पिता भी उसकी नौकरी का पैसा रखते थे।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) तुषार सिंह ने बताया कि आठ नवंबर को संयोगितागंज थाना क्षेत्र के एक रिहायशी अपार्टमेंट में एक बैंक के सेवानिवृत्त अफसर कमलकिशोर धामंदे (75) और उनकी बेटी रमा (53) के शवों को खून में सने पाए गए।
उनका कहना था कि सेवानिवृत्त बैंक अफसर का बेटा दोहरे हत्याकांड के बाद से भाग गया था और उसकी गिरफ्तारी पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित था। ACP ने कहा कि आरोपी को उत्तरी गोवा से गिरफ्तार करके इंदौर लाया गया है।
उन्होंने बताया कि आरोपी सिजोफ्रेनिया (मानसिक बीमारी) का मरीज है और उसे चार बार पुनर्वास केंद्र भी भेजा गया है, हालांकि वह दवा नहीं लेता है और मानसिक रूप से स्वस्थ है।
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