तनिष्ठा चटर्जी स्टेज 4 ओलिगोमेटास्टैटिक कैंसर से जूझ रही हैं, जानें क्या है यह बीमारी?
बॉलीवुड एक्ट्रेस तनिष्ठा चटर्जी को हुआ स्टेज 4 ओलिगोमेटास्टैटिक कैंसर। जानें इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह।
बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस तनिष्ठा चटर्जी ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट शेयर कर बताया कि उन्हें आठ महीने पहले स्टेज 4 ओलिगोमेटास्टैटिक कैंसर (Oligometastatic cancer)का पता चला है। उनके इस खुलासे से उनके फैंस और फिल्म इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया है। इस गंभीर बीमारी को समझने के लिए हमने आर्ट ऑफ हीलिंग कैंसर की मुख्य ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. मंदीप सिंह से बात की, जिन्होंने विस्तार से बताया कि ओलिगोमेटास्टैटिक कैंसर क्या है, यह कैसे होता है और इसके लक्षण क्या होते हैं।
ओलिगोमेटास्टैटिक कैंसर क्या है?
डॉ. मंदीप सिंह के अनुसार, ओलिगोमेटास्टैटिक कैंसर मेटास्टैटिक कैंसर का एक प्रकार है, जिसमें कैंसर शरीर के कुछ सीमित अंगों या स्थानों तक फैलता है, आमतौर पर पाँच या उससे कम जगहों पर। स्टेज 4 कैंसर में जब ट्यूमर शरीर के मूल स्थान से अन्य अंगों में फैल जाता है, तब इसे मेटास्टैटिक या ओलिगोमेटास्टैटिक कैंसर कहा जाता है।
यह बीमारी इसलिए खास है क्योंकि इसमें कैंसर के फैलाव की संख्या सीमित होती है, जिससे डॉक्टर सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी के जरिए इन ट्यूमर्स को लक्षित कर सकते हैं। इससे इलाज के परिणाम बेहतर हो सकते हैं और मरीज की जीवन गुणवत्ता में सुधार संभव होता है।
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यह बीमारी कब होती है और इसके लक्षण क्या हैं?
ओलिगोमेटास्टैटिक कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह ज्यादातर उन मरीजों में पाया जाता है जिन्हें पहले से कैंसर हो चुका हो। इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, क्योंकि लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि कैंसर किस अंग में फैल चुका है।
लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
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हड्डियों में फैलाव: तेज हड्डियों का दर्द या फ्रैक्चर हो सकता है।
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फेफड़ों में फैलाव: सांस लेने में दिक्कत, लगातार खांसी या छाती में दर्द।
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दिमाग में फैलाव: बार-बार सिरदर्द, चक्कर आना, या दौरे पड़ना।
अगर आपको या आपके किसी परिचित को लंबे समय से ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हैं जो सामान्य इलाज से ठीक नहीं हो रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इलाज और परिवार का समर्थन
डॉ. मंदीप सिंह बताते हैं कि समय पर सही निदान और इलाज से ओलिगोमेटास्टैटिक कैंसर में मरीज की हालत में सुधार संभव है। इलाज के दौरान परिवार का सहयोग और मानसिक समर्थन भी उतना ही जरूरी होता है। ऐसे मरीज जिनके पास मजबूत परिवारिक समर्थन होता है, उनके ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है।
तनिष्ठा चटर्जी का हौसला
तनिष्ठा चटर्जी ने अपनी बीमारी की खबर साझा करते हुए कहा कि वे पूरी उम्मीद और हिम्मत के साथ इस लड़ाई का सामना कर रही हैं। उनके इस साहस से कई लोगों को प्रेरणा मिली है कि वे भी स्वास्थ्य की अनदेखी न करें और समय पर जांच कराएं।
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