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AI से बदला गया ‘रांझणा’ का क्लाइमैक्स, नाराज हुए धनुष और आनंद एल राय

AI के जरिए बदले गए ‘रांझणा’ के क्लाइमैक्स पर अभिनेता धनुष और डायरेक्टर आनंद एल राय ने जताई नाराजगी। जानिए क्यों बोले – “फिल्म की आत्मा छीन ली गई है”।

साल 2013 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘रांझणा’ को हाल ही में दोबारा थिएटर्स में रिलीज किया गया, लेकिन इस बार एक बड़े डिजिटल ट्विस्ट के साथ। फिल्म के क्लाइमैक्स को AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद से बदल दिया गया, जिससे फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल राय और मुख्य अभिनेता धनुष दोनों ने गहरी नाराजगी जाहिर की है।

क्या है मामला?

2013 में आई ‘रांझणा’ एक इमोशनल लव स्टोरी थी जिसमें धनुष और सोनम कपूर की जोड़ी ने दर्शकों का दिल जीत लिया था। फिल्म का क्लाइमैक्स जहां दर्शकों की आंखों में आंसू ले आया था, वहीं अब AI के जरिए बदले गए एंडिंग ने पूरी फिल्म की भावनात्मक गहराई और मूल भावना को प्रभावित किया है।

धनुष ने जताई कड़ी आपत्ति

धनुष ने इस बदलाव को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक कड़ा बयान साझा किया। उन्होंने लिखा: “AI के जरिए ‘रांझणा’ को बदले गए क्लाइमैक्स के साथ री-रिलीज करना बेहद निराशाजनक है। इस बदलाव ने फिल्म की आत्मा छीन ली है। संबंधित पक्षों को मेरी आपत्ति की जानकारी होने के बावजूद उन्होंने ऐसा किया। यह वह फिल्म नहीं है, जिसके लिए मैंने 12 साल पहले हामी भरी थी।”

धनुष ने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही कानूनी नियम नहीं बनाए गए, तो AI सिनेमा की विरासत और कहानी कहने की कला के लिए खतरा बन सकता है।

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आनंद एल राय भी नाराज

‘रांझणा’ के निर्देशक आनंद एल राय ने भी इस AI बदलाव को लेकर गहरी चिंता जाहिर की। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा: “मेरे लिए ये कुछ बेहद परेशान करने वाले दिन रहे हैं। मेरी फिल्म ‘रांझणा’ का क्लाइमैक्स मेरी मर्जी के खिलाफ बदल दिया गया। ये किसी निर्देशक के लिए अपनी फिल्म को बर्बाद होते हुए देखने जैसा है। और सबसे चिंताजनक बात ये है कि ये सब बिना किसी जवाबदेही के किया गया।”

 

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 क्या है AI से क्लाइमैक्स बदलने का ट्रेंड?

AI के जरिए फिल्मों के पुराने हिस्सों को री-क्रिएट करना या नए दृश्य जोड़ना, हाल के वर्षों में आम होता जा रहा है। हालांकि, यह ट्रेंड जहां कुछ मामलों में क्रिएटिव एडवांसमेंट की तरह देखा जा रहा है, वहीं कलाकारों और फिल्म निर्माताओं के लिए यह एक नैतिक और रचनात्मक संकट बनता जा रहा है।

 जरूरत है कानून की

धनुष और आनंद एल राय की प्रतिक्रियाएं इस ओर इशारा करती हैं कि अब समय आ गया है जब सरकार और फिल्म बोर्ड को इस तरह के AI हस्तक्षेप पर स्पष्ट दिशा-निर्देश और कानूनी प्रावधान लागू करने चाहिए। अन्यथा, कल को कोई भी बिना अनुमति के किसी भी फिल्म को बदलकर दर्शकों के सामने पेश कर सकता है।

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