भारत चीन संबंध: भारत-चीन रिश्तों में आई गर्माहट, पाकिस्तान में चिंता बढ़ी

भारत चीन संबंध: भारत और चीन के बीच हाल ही में बढ़ती निकटता ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के पहले गलवान घाटी झड़प के बाद चीन दौरे ने इस्लामाबाद में हलचल मचा दी है। इस यात्रा ने यह संकेत दे दिया है कि भारत भी चीन के «सबसे भरोसेमंद दोस्त» पाकिस्तान के रणनीतिक शुरुआती लाभ को चुनौती देने की स्थिति में पहुंच चुका है।
जयशंकर की चीन यात्रा: पहली मुलाकात उपराष्ट्रपति हान झेंग से (भारत चीन संबंध)
विदेश मंत्री एस. जयशंकर तियानजिन में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा लेने बीजिंग पहुंचे। उन्होंने उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और भारत का SCO अध्यक्षता समर्थन किया। साथ ही, कालाश मानसरोवर यात्रा के लिए चीन द्वारा सहयोग देने की सराहना की गई—इस कदम से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी।
Pleased to meet Vice President Han Zheng soon after my arrival in Beijing today.
Conveyed India’s support for China’s SCO Presidency.
Noted the improvement in our bilateral ties. And expressed confidence that discussions during my visit will maintain that positive trajectory. pic.twitter.com/F8hXRHVyOE
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2025
गलवान झड़प के बाद पहली यात्रा: रिश्तों में नई शुरुआत
यह यात्रा इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहला मौका है जब डॉ. जयशंकर 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद चीन दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान सीमा पर शांति बनाए रखने, आर्थिक व सांस्कृतिक सहयोग, व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ करने और SCO में मिलकर काम करने जैसे मुद्दों पर भी बातचीत होगी।
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SCO बैठक में भारत-चीन सहयोग पर जोर
जयशंकर विदेश मंत्रियों के SCO सत्र में हिस्सा लेकर महासचिव नुरलान येरमेकबायेव से भी मिले। यहां भारत ने क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को प्रमुख प्राथमिकता में रखा। यह कदम सामने आता है कि अब भारत चीन को एक समग्र रणनीतिक साझीदार के रूप में लाने की दिशा में भी कदम उठा रहा है।
पाकिस्तान के लिए कूटनीतिक झटका
चीन और पाकिस्तान की कूटनीतिक और रणनीतिक दोस्ती जगजाहिर है। लेकिन भारत-चीन के बीच रिश्तों में यह सुधार पाकिस्तान की विदेश नीति को झटका दे सकता है। लंबे समय से पाकिस्तान ने चीन को ‘ऑल-वेदर फ्रेंड’ बताया, लेकिन अगर चीन भारत के साथ सहयोग में विस्तार करता है, तो पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
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