ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने गुरुवार को विद्युत भवन में स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन की उच्च स्तरीय समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक चैक मीटर लगाए जाएं ताकि उपभोक्ताओं में स्मार्ट मीटर को लेकर किसी भी प्रकार की भ्रांति न हो। साथ ही, उन्होंने एडवांस्ड मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर (AMISP) को कार्य में तेजी लाने के स्पष्ट निर्देश दिए।
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स्मार्ट मीटर से बढ़ेगी पारदर्शिता और बिलिंग में सुधार
हीरालाल नागर ने बताया कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के बिजली उपभोग को पारदर्शी और सटीक बनाने के साथ-साथ बिलिंग प्रक्रिया को मानवीय त्रुटियों से मुक्त करता है। उन्होंने कहा कि AMISP को उपभोक्ताओं तक स्मार्ट मीटर के फायदों की जानकारी पहुंचाने के लिए जागरूकता अभियानों (IEC गतिविधियाँ) को मजबूत करना चाहिए।
स्मार्ट मीटर इंस्टॉलेशन का अपडेट
मंत्री ने बताया कि राजस्थान में वर्ष 2020-21 से स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। पूर्ववर्ती सरकार के दौरान 5 लाख 52 हजार से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए गए थे। वर्तमान में RDSS योजना के तहत कृषि क्षेत्र को छोड़कर 1 करोड़ 43 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। अप्रैल 2025 तक तीनों डिस्कॉम में 5 लाख 60 हजार से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं।
कार्य में तेजी लाने के लिए समीक्षा बैठक
हीरालाल नागर ने AMISP को कार्यादेश की शर्तों के अनुरूप प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और आगामी एक माह में पुनः समीक्षा बैठक बुलाने का आदेश दिया। इस दौरान ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव अजिताभ शर्मा ने फील्ड टीमों की संख्या बढ़ाने, उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाने और प्रभावी एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए। साथ ही, डिस्कॉम्स की चेयरमैन आरती डोगरा ने अब तक की प्रगति की जानकारी साझा की।
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