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Tips To Improve Eyesight: नज़रअंदाज़ न करें नज़र की कमज़ोरी को! जानें किन कारणों से आँखों की रौशनी कम होती है और कैसे इसे बढ़ा सकते हैं

Tips To Improve Eyesight: हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण और संवेदनशील हिस्सा आँखें हैं। अक्सर हम इनकी देखभाल को नज़रअंदाज़ कर देते हैं जब तक कि कोई तकलीफ नहीं होती। लेकिन कभी-कभी छोटी-सी समस्या भी बड़ी समस्या का संकेत हो सकती है।

Tips To Improve Eyesight: हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण और संवेदनशील हिस्सा आँखें हैं। अक्सर हम इनकी देखभाल को नज़रअंदाज़ कर देते हैं जब तक कि कोई तकलीफ नहीं होती। लेकिन कभी-कभी छोटी-सी समस्या भी बड़ी समस्या का संकेत हो सकती है। इसलिए किन कारणों से आँखों की रौशनी कम होने लगती है? आँखों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर से मिलने के संकेत क्या हैं?

Tips To Improve Eyesight: किन कारणों से आँखों की रौशनी कम होती है?

मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, डायबिटिक रेटिनोपैथी, मैक्युलर डिजनरेशन और खराब जीवनशैली आँखों की रोशनी को कम कर सकते हैं। मोतियाबिंद में आँखों का लेंस धुंधला हो जाता है, जिससे धुंधला दिखाई देता है। (Tips To Improve Eyesight)ग्लूकोमा से आँखों की ऑप्टिक नर्व क्षतिग्रस्त हो सकती है, जिससे दृष्टि कमजोर हो जाती है। वहीं, धूम्रपान, कम खाद्य पदार्थ और बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम भी आंखों की रोशनी कम कर सकते हैं।

नज़र कमजोर होने पर दिखने वाले ये लक्षण हैं:

दृष्टिदोष का संकेत हो सकता है अगर किसी को लगातार धुंधला दिखाई देना शुरू हो जाए, चाहे वह पास की चीजें हों या दूर की। ऐसे समय पर चश्मे या अन्य उपचार से दृष्टि को बचाया जा सकता है, (Tips To Improve Eyesight)इसलिए आपको तुरंत एक नेत्र चिकित्सक से मिलना चाहिए। यही कारण है कि अगर दृष्टि अचानक कम हो जाए या कुछ समय के लिए अंधेरा छा जाए, तो यह एक आपातकालीन परिस्थिति हो सकती है, जिसमें देरी करना खतरे से खाली नहीं है।

साथ ही, आँखों में लगातार जलन, खुजली, या लाली होना भी एक संकेत है कि आपकी आँखों को पर्याप्त देखभाल की जरूरत है। यह संक्रमण, एलर्जी या ड्राय आई सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। इन सभी परिस्थितियों में, अपने आप का इलाज करने के बजाय एक चिकित्सक से परामर्श लेना बेहतर है। आँखों से लगातार पानी बहना या बार-बार आंसू आना भी एक अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है। सिरदर्द को बहुत से लोग सामान्य तनाव मानकर टाल देते हैं, लेकिन सिरदर्द के साथ दर्द या भारीपन भी होता है, तो यह एक नेत्र संबंधी समस्या हो सकती है।

बचाव के तरीके?

यदि बच्चों को पढ़ाई के दौरान आँखें मिचमिचाना, बार-बार आँखें मलना या टीवी को बहुत पास से देखने की आदत दिखती है, तो उनका नेत्र परीक्षण तुरंत करवाना चाहिए। (Tips To Improve Eyesight) डायबिटीज़ या उच्च रक्तचाप के रोगियों को भी आँखों की जांच करानी चाहिए क्योंकि ये बीमारियां आँखों की नसों पर सीधे असर डाल सकती हैं, वृद्ध व्यक्तियों को भी वर्ष में कम से कम एक बार आँखों की जांच करानी चाहिए ताकि मोतियाबिंद जैसी समस्याओं को समय रहते पहचाना जा सके।

इसके अलावा अपनी लाइफस्टाइल अच्छी करें। आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करें, आंखों की एक्सरसाइज करें और टीवी मोबाइल का इस्तेमाल कम से कम करें।

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