हरियाणा रोडवेज में बसों की ट्रैकिंग और उपकरणों का डिजिटल रिकॉर्ड होगा। परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा, 15 अगस्त तक सिस्टम लागू किया जाएगा। जानें पूरी योजना।
हरियाणा रोडवेज: हरियाणा सरकार राज्य की परिवहन व्यवस्था को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाने जा रही है। प्रदेश के परिवहन मंत्री अनिल विज ने घोषणा की है कि 15 अगस्त 2025 तक राज्य की सभी रोडवेज बसों में जीपीएस आधारित ट्रैकिंग प्रणाली लागू कर दी जाएगी। इसके साथ ही, बसों में इस्तेमाल किए जा रहे प्रत्येक उपकरण और सामान का डिजिटल रिकॉर्ड भी तैयार किया जाएगा।
अब हरियाणा रोडवेज की पूरी जानकारी एक क्लिक पर
नई प्रणाली के तहत यह स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी कि:
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किस बस में कब टायर बदला गया,
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बस ने कितने किलोमीटर की दूरी तय की,
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कोन-सा उपकरण कब लगाया गया।
इससे न केवल परिवहन विभाग की पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि बसों के रख-रखाव और यात्रियों की सुरक्षा में भी बड़ा सुधार होगा।
बस अड्डों पर स्क्रीन, एयरपोर्ट जैसी सुविधा
परिवहन मंत्री ने बताया कि अब बस अड्डों पर डिजिटल स्क्रीन लगाई जाएंगी, जिससे यात्रियों को बसों की लोकेशन, आगमन और प्रस्थान की सटीक जानकारी मिल सकेगी। यह सुविधा एयरपोर्ट जैसी रियल टाइम अपडेट सेवा प्रदान करेगी।
ट्रैकिंग सिस्टम के लिए मोबाइल एप तैयार
बस ट्रैकिंग सिस्टम को लागू करने के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन भी विकसित किया जा रहा है, जिससे यात्री और अधिकारी दोनों बसों की लाइव लोकेशन और संचालन से संबंधित जानकारी देख सकेंगे।
उपकरणों की खरीद प्रक्रिया अंतिम चरण में
हरियाणा परिवहन मंत्री ने बताया कि रोडवेज उपकरणों की खरीद के लिए प्रस्ताव हाई पावर परचेज कमेटी को भेजा जा चुका है। जल्द ही उपकरण और जरूरी सामान रोडवेज बेड़े में शामिल किया जाएगा।
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NCR क्षेत्र में वायु प्रदूषण रोकने को बीएस-6 मॉडल की बसें
वायु प्रदूषण नियंत्रण के उद्देश्य से एनसीआर क्षेत्र में बीएस-6 मॉडल की 150 वातानुकूलित और सामान्य बसें रोडवेज को मिल चुकी हैं और उनका संचालन शुरू हो गया है। इसके अलावा, 500 सामान्य श्रेणी की बसों में से 224 बसें डिपो में पहुंच चुकी हैं, और शेष बसें सितंबर 2025 तक आ जाएंगी।
वायु गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए बीएस-4 मॉडल की बसों के संचालन पर एनसीआर और दिल्ली में पहले से ही रोक लगी हुई है, जिससे नई बीएस-6 बसों की जरूरत और बढ़ गई है।
परिवहन मंत्री का संदेश
परिवहन मंत्री अनिल विज ने स्पष्ट किया कि डिजिटल ट्रैकिंग और डेटा प्रणाली से पारदर्शिता बढ़ेगी, और यह आम जनता के हित में एक बड़ा कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने पहले ही सभी विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए हैं।
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