UP News: यूपी में ओबीसी और एससी आयोग को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलेगा,भाजपा नए सिरे से बिसात बिछाने में जुटी
UP News: यूपी के ओबीसी और एससी आयोग को जल्द ही नया अध्यक्ष मिलेगा। भाजपा को लोकसभा चुनाव में ओबीसी और दलित वोटों की कमी से निराश होकर इसकी प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
UP News: पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति आयोगों को जल्द ही नए अध्यक्ष मिलेंगे। भाजपा को लोकसभा चुनाव में ओबीसी और दलित वोटों की कमी से निराश होकर इसकी प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इसके अलावा, राज्य में जल्द ही गौसेवा आयोग और महिला आयोग भी बनाए जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया, सभी योजनाएं दो साल से अधिक समय से बंद हैं। पार्टी ने मंथन के बाद नाम लगभग फाइनल कर लिए हैं। अब मुख्यमंत्री को नाम भेजे जाएंगे। सहमति होने पर नाम जारी किए जाएंगे।
भाजपा चुनाव में यूपी में अपने बुरे प्रदर्शन की समीक्षा कर रही है, जबकि दस सीटों पर उपचुनाव की तैयारी भी चल रही है। इस बीच, कर्मचारियों को समझाने की प्रक्रिया भी तेज हो गई है। एक ओर, निगम-बोर्डों में कर्मचारियों को स्थानांतरित करने का प्रयास शुरू हुआ है। साथ ही, शहरी क्षेत्रों में पार्षदों के चुनाव के लिए नामांकन भी शुरू होने जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि चार आयोगों का गठन सबसे पहले हो सकता है। इसमें अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, महिला और गौसेवा आयोग शामिल हैं। इसलिए, लोकसभा चुनाव से पहले ही आयोग-निगमों के नामों पर चर्चा शुरू हो गई थी। लेकिन सभी को चुनावी काम में लगाने के चलते इसे बंद कर दिया गया। अब इसे लेकर प्रक्रिया तेज कर दी गई है।
दो साल से अधिक समय से बंद आयोग
16 जून 2021 को अनुसूचित जाति आयोग का गठन हुआ। रामबाबू हरित को अध्यक्ष बनाया गया, जबकि मिथलेश कुमार और रामनरेश पासवान को उपाध्यक्ष बनाया गया। उनका पदावधि जून 2022 में समाप्त हो गया है। फिलहाल समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण अनुसूचित जाति आयोग का कार्यभार संभाल रहे हैं। अगस्त 2022 में राज्य महिला आयोग का कार्यकाल भी समाप्त हो गया है। पिछड़ा वर्ग आयोग भी दो साल से अधिक पुराना है। राज्य गौसेवा आयोग भी इसी तरह है।