UP News: यूपी में सरकार ने कहा कि नज़ूल भूमि से किसी भी व्यक्ति की बेदखली नहीं होगी
UP News: यूपी में नज़ूल भूमि से किसी भी व्यक्ति की बेदखली नहीं होगी। साथ ही, ऐसे पट्टाधारक जिन्होंने लीज़ डीड का उल्लंघन नहीं किया हैं, उनका पट्टा नियमानुसार जारी रहेगा।
UP News: प्रदेश सरकार ने विधानसभा में पास किए गए नवीनतम नज़ूल विधेयक के तहत किसी भी व्यक्ति की बेदखली नहीं करेगी। साथ ही, जो पट्टाधारक लीज़ डीड का पालन नहीं करते हैं, उनका पट्टा नियमानुसार जारी रहेगा। नज़ूल विधेयक को लेकर चल रहे सियासी बहस के बीच, राज्य सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को स्पष्ट किया है। राज्य सरकार ने कहा कि नज़ूल विधेयक के तहत ऐसी किसी भी जमीन को जहां लोग रहते हैं या व्यापक जनहित में उपयोग किया जा रहा है, नहीं हटाया जाएगा। वर्तमान में उपयोग में लाई जा रही जमीन से किसी की बेदखली नहीं होगी।
फ्री होल्ड किसी व्यक्ति या निजी संस्था के पक्ष में नहीं होगा
साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसे सभी पट्टाधारक जिन्होंने लीज़ अवधि में लीज़ डीड का उल्लंघन नहीं किया है, उनका पट्टा नियमानुसार जारी रहेगा। यह कानून लागू होने के बाद से उत्तर प्रदेश में किसी भी प्राइवेट व्यक्ति या संस्था के पास निःशुल्क भूमि नहीं होगी। नज़ूल जमीन केवल केंद्रीय या राज्य सरकार की संस्थाओं को दी जा सकेगी जो जनहित में शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज के हित में काम कर रही हैं। साथ ही, लीज़ अवधि समाप्त होने पर खाली पड़ी नजूल भूमि को सार्वजनिक हित की परियोजनाओं (जैसे अस्पताल, स्कूल, सरकारी कार्यालय) के लिए उपयोग किया जाएगा।
यदि लीज़ डीड का उल्लंघन नहीं तो नवीनीकरण होगा
राज्य सरकार ने कहा कि ऐसे पट्टाधारक जिन्होंने 27 जुलाई 2020 तक फ्री होल्ड के लिए आवेदन किया है और निर्धारित शुल्क जमा किया है, अगले 30 वर्ष की अवधि के नवीनीकरण कर सकते हैं। बशर्ते, उनके द्वारा मूल लीज़ डीड का उल्लंघन न किया गया हो।
पुनर्स्थापन अधिनियम के तहत मुआवजा मिलेगा
वहीं, कोई भी भवन जो कि नजूल की भूमि पर बनाया गया है और व्यापक जनहित में हटाया जाना चाहिए, तो सरकार द्वारा प्रभावित व्यक्ति भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 के अनुसार यथोचित मुआवजा और पुनर्वास पाने का अधिकारी होगा। यह अधिनियम सरकार को अधिकार देता है कि नजूल की भूमि पर काबिज़ गरीब वर्ग के अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए उनके पक्ष में कानून बनाए और उन्हें पुनर्गठित करे।