उत्तराखंड अल्पसंख्यक विधेयक 2025: उत्तराखंड में अब सभी मदरसों को लेनी होगी मान्यता, अल्पसंख्यक शिक्षा के लिए बनेगा नया प्राधिकरण

उत्तराखंड में सभी मदरसों और अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को अब प्राधिकरण से मान्यता लेनी होगी। सरकार ने अल्पसंख्यक विधेयक 2025 पेश किया।

उत्तराखंड सरकार ने अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी मदरसों और अन्य अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को सरकारी मान्यता लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए मंगलवार को उत्तराखंड अल्पसंख्यक विधेयक 2025 विधानसभा में पेश किया गया, जो बुधवार को पारित होकर लागू हो सकता है।

क्या है उत्तराखंड अल्पसंख्यक विधेयक 2025?

इस विधेयक के तहत राज्य में एक विशेष संस्था, उत्तराखंड राज्य अल्पसंख्यक शिक्षा प्राधिकरण (Uttarakhand State Minority Education Authority) की स्थापना की जाएगी। यह प्राधिकरण सभी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को मान्यता देगा, नियमों की निगरानी करेगा और संस्थानों के संचालन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा।

सभी मदरसों को दोबारा लेनी होगी मान्यता

अब तक उत्तराखंड मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त संस्थान 2025-26 तक की शैक्षणिक अवधि तक ही धार्मिक शिक्षा दे सकेंगे। लेकिन 2026-27 सत्र से पहले सभी मदरसों को नए प्राधिकरण से पुनः मान्यता लेनी अनिवार्य होगी। यह मान्यता तीन सत्रों के लिए वैध होगी और इसके बाद नवीनीकरण कराना होगा।

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मान्यता के लिए जरूरी शर्तें:

प्राधिकरण की संरचना कैसी होगी?

प्राधिकरण में होंगे कुल 12 सदस्य, जिनमें:

सरकार की निगरानी और नियंत्रण

सरकार प्राधिकरण को सीधे निर्देश दे सकेगी और यदि प्राधिकरण उनका पालन नहीं करता, तो सरकार खुद नियम लागू करा सकेगी। इसका उद्देश्य है कि शिक्षण संस्थानों की जवाबदेही तय हो और उन्हें पारदर्शी रूप से संचालित किया जा सके।

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