वास्तु मंत्र: घर में पानी से जुड़ी चीजें किस दिशा में लगानी चाहिए? जानिए
वास्तु मंत्र के अनुसार घर में पानी से जुड़ी चीजें जैसे नल, शावर, वाश बेसिन और गीजर किस दिशा में लगानी चाहिए ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली बनी रहे।
घर को सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली से भरने के लिए वास्तु शास्त्र का सही पालन बेहद आवश्यक है। खासकर जब बात आती है पानी से जुड़ी चीजों जैसे नल, शावर, वाश बेसिन और गीजर की। देश के प्रसिद्ध ज्योतिषी आचार्य इंदु प्रकाश जी के अनुसार, घर में इन वस्तुओं को सही दिशा में रखने से न केवल घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा से भी बचाव होता है।
पानी से जुड़ी चीजें कहां लगाएं?
आचार्य इंदु प्रकाश जी ने बताया कि वास्तु के अनुसार पानी या जल से संबंधित सभी उपकरणों को सही दिशा में लगाना अत्यंत आवश्यक है। घर में पानी से जुड़ी वस्तुओं को गलत दिशा में रखने से जीवन में नकारात्मक प्रभाव आ सकता है।
नल और शावर: उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में लगाना चाहिए। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा और शांति का प्रतीक मानी जाती है।
वाश बेसिन: इसे उत्तर दिशा या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में रखना चाहिए।
गीजर: घर के आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व) में गीजर लगाना शुभ माना जाता है क्योंकि यह स्थान अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है।
बाथ टब: नहाने के लिए बाथ टब भी उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ रहता है।
पानी निकासी: पानी की निकासी की व्यवस्था हमेशा उत्तर दिशा में करनी चाहिए ताकि घर से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल सके।
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पानी से जुड़ी वस्तुओं के उपयोग में सावधानी
वास्तु के अनुसार, पानी के नल और शावर को उपयोग के बाद पूरी तरह बंद कर देना चाहिए। पानी टपकने से घर में धन संबंधी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं और कई तरह की नकारात्मक समस्याएं घर में पनप सकती हैं। इसलिए नल या शावर के लीकेज की जांच और मरम्मत समय-समय पर करवाना चाहिए।
वास्तु का महत्व
वास्तु शास्त्र हमारे जीवन में ऊर्जा का संचार करता है। जब घर की हर चीज़ उसकी उचित दिशा में होती है तो जीवन में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। पानी जैसे आवश्यक तत्वों को सही दिशा में रखने से स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति दोनों में सुधार होता है।
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