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Vishwakarma Puja 2025: श्राद्ध पक्ष में विश्वकर्मा पूजा, क्या इस दिन नई गाड़ी खरीदना सही रहेगा? जानें धार्मिक मान्यता

Vishwakarma Puja 2025 इस बार पितृ पक्ष में है। जानें क्या इस दिन नई गाड़ी खरीदना शुभ है या अशुभ? पढ़ें तिथि, मान्यता और जरूरी सावधानियां।

Vishwakarma Puja 2025: हर साल 17 सितंबर को भगवान विश्वकर्मा पूजा धूमधाम से की जाती है। इस दिन मशीनों, औजारों, वाहनों, कंप्यूटर, लोहे के सामान आदि की पूजा कर उनसे जुड़े व्यवसायों में समृद्धि की कामना की जाती है। विशेषकर बिहार, झारखंड, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में यह पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस बार विश्वकर्मा पूजा पितृपक्ष के दौरान आ रही है, ऐसे में सवाल उठता है क्या इस दिन नई गाड़ी खरीदना शुभ रहेगा?

कब है विश्वकर्मा पूजा और पितृ पक्ष 2025?

वर्ष 2025 में विश्वकर्मा पूजा की तिथि 17 सितंबर, बुधवार को पड़ रही है। वहीं, पितृ पक्ष की शुरुआत 6 सितंबर से हो चुकी होगी और इसका समापन 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन होगा। ऐसे में विश्वकर्मा पूजा पितृ पक्ष के मध्य में पड़ रही है, जो परंपरागत रूप से शुभ कार्यों के लिए वर्जित समय माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान कोई भी नया कार्य, खरीदारी, गृह प्रवेश या वाहन खरीदना अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह समय पूर्वजों को समर्पित होता है।

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क्या विश्वकर्मा पूजा पर नई गाड़ी खरीदना सही है?

आम धारणा है कि विश्वकर्मा पूजा पर नया वाहन या मशीनरी खरीदना अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि यह दिन भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में मनाया जाता है जो औजारों और यंत्रों के रचयिता माने जाते हैं। परंतु जब यही तिथि पितृ पक्ष के दौरान आती है, तो स्थिति थोड़ी अलग हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान किसी भी प्रकार की नई वस्तु, विशेषकर वाहन, लोहा या जमीन से संबंधित वस्तुएं खरीदने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष में नई चीजें खरीदना पूर्वजों की आत्मा को अप्रसन्न कर सकता है और इसका प्रभाव परिवार पर नकारात्मक हो सकता है।

क्या सावधानी बरतें अगर इस दिन खरीदना ज़रूरी हो?

कई बार ऐसी परिस्थिति बनती है कि लोगों को इसी दिन वाहन खरीदना होता है, चाहे वो बुकिंग की तारीख हो या डिलीवरी की मजबूरी। ऐसे में धार्मिक दृष्टिकोण से कुछ उपाय किए जा सकते हैं ताकि पितरों की नाराज़गी से बचा जा सके। अगर विश्वकर्मा पूजा के दिन नया वाहन खरीदना ही पड़े, तो उस दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करें और अपने पितरों के लिए तर्पण करें। इसके बाद ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन या दान दें। इन धार्मिक क्रियाओं के पश्चात यदि वाहन खरीदा जाए, तो माना जाता है कि पितृ प्रसन्न रहते हैं और उनकी कृपा बनी रहती है।

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