आखिर क्या था स्वर कोकिला का आखिरी संदेश, आइए जानें

देश की कोहिनूर लता मंगेशकर हमारे बीच में नहीं है स्वर कोकिला ने अपनी आवाज से हमारे दिलों में एक जगह बना ली है और शायद हमेशा हमारे दिलों में यह जिंदा भी रहेंगी  गायिका के चले जाने से सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लोग हतप्रभ और दुखी हैं लेकिन नियति के खेल को कोई नहीं बदल सकता है।सोशल मीडिया पर लता जी का अंतिम ऑडियो क्लिप तेजी से वायरल हो रहा है लोग सुनना चाह रहे हैं आखिर लता दीदी ने अपने अंतिम समय में क्या संदेश दिया इस ऑडियो को बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने रिकॉर्ड किया था जिसमें लता जी के द्वारा भगवत गीता के 1 श्लोक का पाठ किया गया है अनुपम खेर ने स्वर कोकिला को याद करते हुए इस रिकॉर्डिंग को सोशल मीडिया पर शेयर किया है

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भारत की स्वर कोकिला के जाने से 6 फरवरी को एक युग का अंत हो गया महान गायिका लता मंगेशकर ने अंतिम सांसे ली। इस वॉइस क्लिप में लता मंगेशकर जी ने अमृत महोत्सव समिति की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिवादन भी किया है साथ ही उनके काम की तारीफ भी की है उन्होंने भारत की आजादी के 75 में वर्ष पर प्रधानमंत्री और देशवासियों को बधाई दी और उसके बाद उन्होंने भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण का एक श्लोक सुनाया।

उन्होंने कहा “यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्। परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।” उन्होंने आगे कहा, “भगवान श्रीकृष्णा ने ये कहा है और वो हमेशा हमारे साथ रहें, आज भी साथ हैं, अब आगे भी साथ रहेंगे। यही मुझे विश्वास है। मैं आप सभी को   नमस्कार करती हूं और अब आपसे आज्ञा लेती हूं।”

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अनुपम खेर ने इस ऑडियो क्लिप को शेयर करते हुए लिखा कि– लता जी का भगवत गीता के श्लोक को गाते हुए संदेश 22/112021 की दोपहर zoom पर आजादी का अमृत महोत्सव कमेटी की दूसरी मीटिंग में जब लता जी बोलने वाली थी तो मेरी इच्छा हुई कि मैं इसे रिकॉर्ड कर लूं ! सुनिये! क्या बोली थीं उस दिन विश्व की महान गायिका!🕉” ध्यान देने वाली बात ये  है कि 1929 में लता मंगेशकर का जन्म इंदौर में हुआ था और भारत की ‘सुर साम्राज्ञी’ की 92 साल की उम्र में हम सभी को अलविदा कहकर चली  गयी। उनको देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।

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