धर्म

जन्माष्टमी पर खीरे से लड्डू गोपाल का जन्म क्यों किया जाता है जानिए पूरी विधि

जन्माष्टमी पर खीरे से लड्डू गोपाल का जन्म एक पवित्र परंपरा है जो भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण को दर्शाती है। जानिए खीरे से जन्म की सही विधि, मुहूर्त और इसका धार्मिक महत्व।

जन्माष्टमी पर खीरे से लड्डू गोपाल का जन्म करवाने की परंपरा भारत के कई हिस्सों में श्रद्धा और भक्ति के साथ निभाई जाती है। यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि भगवान श्रीकृष्ण के अवतरण की विशेष लीला का प्रतीक भी मानी जाती है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का यह विशेष अनुष्ठान माता देवकी के गर्भ से भगवान के जन्म की याद दिलाता है।

क्यों किया जाता है खीरे का प्रयोग?

जन्माष्टमी पर खीरे से लड्डू गोपाल का जन्म करवाना प्रतीकात्मक रूप से उस क्षण को दर्शाता है जब देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। खीरा इस दौरान “गर्भ” का प्रतीक माना जाता है और ठीक मध्यरात्रि 12 बजे इसे एक सिक्के या चाकू से काटा जाता है, जैसे नवजात शिशु की नाल काटी जाती है। उसके बाद खीरे से लड्डू गोपाल की छोटी मूर्ति को बाहर निकाला जाता है।

यह परंपरा विशेष रूप से उत्तर भारत, राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में बहुत लोकप्रिय है।

Janmashtami 2025 पूजा विधि (Puja Vidhi)

  • सुबह स्नान करके व्रत और पूजा का संकल्प लें।

  • भगवान कृष्ण के लिए एक साफ-सुथरे खीरे का चयन करें, जिसमें डंठल हो।

  • खीरे को पूजा स्थल पर रखें और उसमें लड्डू गोपाल की छोटी मूर्ति या तस्वीर रखें।

  • रात्रि 12 बजे शुभ मुहूर्त पर खीरे को चाकू या सिक्के से सावधानीपूर्वक काटें।

  • जन्माष्टमी पर खीरे से लड्डू गोपाल का जन्म कराने के बाद आरती करें, भोग लगाएं और प्रसाद बांटें।

  • खीरे को प्रसाद के रूप में परिवारजनों और भक्तों में वितरित करें।

Janmashtami 2025 शुभ मुहूर्त

स्मार्त सम्प्रदाय:

  • तिथि: 15 अगस्त 2025

  • रात्रि पूजा का समय: 16 अगस्त, रात 12:04 AM से 12:47 AM तक

वैष्णव सम्प्रदाय:

  • तिथि: 16 अगस्त 2025

  • रात्रि पूजा का समय: 17 अगस्त, रात 12:04 AM से 12:47 AM तक

खीरे से जन्म का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जन्माष्टमी पर खीरे से लड्डू गोपाल का जन्म कराने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह परंपरा शुद्धता, प्रेम और श्रद्धा से की जाती है। कई पंडितों का मानना है कि इस विधि से किए गए पूजन से भगवान श्रीकृष्ण शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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