स्वास्थ्य

डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन का खतरा क्यों बढ़ता है? जानें एक्सपर्ट की राय और बचाव के आसान उपाय

डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन की संभावना क्यों बढ़ जाती है? फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टर बताते हैं मानसिक सेहत को बेहतर रखने के आसान उपाय। जानें पूरी जानकारी।

डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन: डायबिटीज एक लाइफटाइम बीमारी है, जिसका असर केवल शुगर लेवल तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य को भी गहराई से प्रभावित करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन होने की संभावना सामान्य लोगों की तुलना में दोगुनी होती है। दिल्ली के फोर्टिस अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अस्तिक जोशी ने बताया कि डायबिटीज के मरीज कैसे मानसिक तनाव से गुजरते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।

क्यों बढ़ता है डायबिटीज के मरीजों में डिप्रेशन?

1. बीमारी का लंबा बोझ

डायबिटीज को हर दिन मॉनिटर करना, दवाइयां लेना, खाने-पीने की पाबंदियां और इंसुलिन लेना—इन सब चीज़ों का मानसिक बोझ समय के साथ डिप्रेशन में बदल सकता है।

2. ब्लड शुगर और मूड का सीधा संबंध

ब्लड शुगर का असंतुलन (कम या ज्यादा होना) ब्रेन के केमिकल बैलेंस को प्रभावित करता है, जिससे मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और थकान होती है।

3. शारीरिक जटिलताएं

डायबिटीज की वजह से आंखों, किडनी, दिल और नसों पर असर हो सकता है। इस डर और अनिश्चितता के कारण मानसिक चिंता और डिप्रेशन पनपता है।

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4. सामाजिक अलगाव और शर्म

डायबिटीज से पीड़ित कई लोग सामाजिक गतिविधियों से दूरी बना लेते हैं, जिससे अकेलापन और भावनात्मक तनाव बढ़ जाता है।

5. लगातार थकान और दर्द

पैरों में झुनझुनी, लगातार थकावट और नींद न आने जैसी समस्याएं मानसिक थकान को और बढ़ा देती हैं।

कैसे करें डिप्रेशन से बचाव? फोर्टिस डॉक्टर की सलाह

डॉ. अस्तिक जोशी बताते हैं कि डायबिटीज और डिप्रेशन के बीच एक ‘दोतरफा चक्र’ काम करता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल उतनी ही ज़रूरी है जितनी शारीरिक स्वास्थ्य की।

1. नियमित काउंसलिंग लें

थैरेपिस्ट या साइकियाट्रिस्ट से बातचीत तनाव कम करने में मदद करती है।

2. परिवार और दोस्तों से बात करें

अपनी भावनाएं साझा करें, किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करने से मानसिक बोझ कम होता है।

 3. योग और ध्यान का सहारा लें

हर दिन 15-20 मिनट ध्यान और हल्का योग करने से मानसिक संतुलन बना रहता है।

 4. शारीरिक गतिविधियों को शामिल करें

हल्की वॉक, साइकलिंग या स्विमिंग जैसे व्यायाम शरीर के साथ-साथ दिमाग के लिए भी फायदेमंद हैं।

 5. नियमित जांच कराएं

जैसे ब्लड शुगर की मॉनिटरिंग करते हैं, वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग भी ज़रूरी है।

डायबिटीज और डिप्रेशन: एक-दूसरे से जुड़े हैं

डायबिटीज डिप्रेशन का कारण बन सकती है और डिप्रेशन डायबिटीज को कंट्रोल करना और कठिन बना देता है। यह चक्र यदि समय रहते नहीं तोड़ा गया तो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों पर बुरा असर डाल सकता है।

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