Yam Deepam 2023: धनतेरस पर यम के नाम पर दीपक क्यों जलाते हैं? जानें इसका सही उपाय, मंत्र और फायदे।

Yam Deepam 2023

Yam Deepam 2023: धनतेरस पर लक्ष्मी-कुबेर के अलावा यमराज के नाम भी दीपक जलाना चाहिए। धनतेरस पर यम के नाम पर दीप जलाने की सही विधि, दिशा और महत्व जानें।

10 नवंबर 2023 को धनतेरस मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन कुबेर और धनवंतरी दोनों देवताओं की पूजा की जाती है। साथ ही, शाम को यमराज (जिसे यमदीपम भी कहते हैं) के नाम पर दीपक जलाए जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यम का दीपक जलाने का क्या कारण है?

आइए जानते हैं धनतेरस पर यम नामक दीपक क्यों जलाया जाता है और इसकी सही विधि और दिशा।

धनतेरस 2023 यम दीपम मुहूर्त (Dhanteras 2023 Yam Deepam Muhurat)

धनतेरस के दिन शाम को सूरसस्त के बाद यमराज के निमित्त दीपक जलाया जाता है। मान्यता है कि परिवार को दीपक देने से यमदेव प्रसन्न होते हैं और उनकी मृत्यु से बचाते हैं।

कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी 10 नवंबर 2023 को दोपहर 12.35 बजे शुरू होगी और 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01.57 बजे समाप्त होगी।

यमदीपम कार्यक्रम शाम 5:30 बजे से 6:49 बजे तक चलता है, जिसमें एक घंटे 19 मिनट का समय लगता है।

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धनतेरस पर यम दीपम की विधि (Dhanteras Yam Deepak Vidhi)

धनतेरस की शाम घर के बाहर 13 दीपक जलाकर मुख्य द्वार पर रखें। वहीं, एक पुराने मिट्टी के दीपक में चार बाती डालकर सरसों के तेल से जलाएं। अब घर के बाहर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके इस दीपक को जलाएं और इसे मंत्र बोलते हुए रखें।

यम दीपम मंत्र (Yam Deepam 2023 Mantra)

यमराज का दीपक जलाते समय इस मंत्र का उच्चारण करें: मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात्सूर्यज: प्रीतयामिति॥कहते हैं कि इससे नर्क की यातनाएं नहीं सहनी पड़ती और अकाल मृत्यु का भय खत्म हो जाता है।

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धनतेरस पर क्यों लगाते हैं यमराज के नाम दीपक (Yam Deepam 2023 Katha)

पौराणिक कथा में, एक राज्य में राजा हेम को ईश्वर की कृपा से एक पुत्र हुआ। बेटे की कुंडली में लिखा था कि राजकुमार शादी के चार दिन बाद मर जाएगा। ऐसे में राजा ने उसे एक ऐसी जगह भेजा जहां वह किसी लड़की की परछाई भी नहीं देख सकता था, लेकिन वहीं उन्होंने एक राजकुमारी से शादी की। रीति के अनुसार, शादी के चौथे दिन राजकुमार के पास यमराज का दूत आया।

राजकुमार की पत्नी रोने लगी और दूतों से अकाल मृत्यु से बचने के तरीके पूछने लगी। यमराज ने ये सब दूतों से सुना। यमराज ने कहा कि मृत्यु अटल है लेकिन धनतेरस, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी, पर दीपक जलाने से बच सकते हैं।इसलिए धनतेरस पर हर साल यम दीपक जलाने की परंपरा है।

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