100 करोड़ रुपए की लागत से बने 200 बेड वाले यमुनानगर सिविल अस्पताल का औचक निरीक्षण करते हुए डीसी पार्थ गुप्ता ने अस्पताल में कई गंभीर कमियां पाई हैं। निरीक्षण के दौरान डीसी ने अस्पताल के विभिन्न हिस्सों में गंदगी, सफाई की कमी, कूड़े के ढेर और छत में सीलिंग की समस्या जैसे मुद्दे देखे। डीसी ने अस्पताल प्रशासन को 10 से 15 दिनों के भीतर इन बुनियादी खामियों को दूर करने का आदेश दिया है ताकि मरीजों और उनके तीमारदारों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
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उद्घाटन के बाद से अस्पताल में रही शिकायतें
मई 2023 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने यमुनानगर में इस 100 करोड़ की लागत वाले सिविल अस्पताल का उद्घाटन किया था। इस अस्पताल को आधुनिक सुविधाओं और बेहतर इलाज के लिए सराहा गया था। लेकिन उद्घाटन के बाद से ही अस्पताल कई बार समस्याओं के कारण सुर्खियों में रहा है। डॉक्टरों की लापरवाही, दीवारों की टाइल्स गिरना, कूड़े की समस्या और टॉयलेट की खराब सफाई जैसी शिकायतें लगातार सामने आईं हैं। ये समस्याएं अस्पताल में लंबे समय से बनी हुई हैं।
डीसी पार्थ गुप्ता ने की समस्या की लिस्टिंग
जब डीसी पार्थ गुप्ता के पास अस्पताल की समस्याओं की शिकायतें आईं, तो उन्होंने तुरंत औचक निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में जगह-जगह कूड़े के ढेर, गंदे टॉयलेट और छत की सीलिंग की खराब स्थिति देखी। डीसी ने कहा कि इन खामियों को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा और इसके लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि 10 से 15 दिनों के भीतर अस्पताल प्रशासन इन समस्याओं का समाधान कर मरीजों को बेहतर सेवाएं देगा।
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