योगी सरकार पहला अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी और उपचुनाव से पहले आ रहे मानसून सत्र का पूरा उपयोग करेगी।
योगी सरकार उपचुनाव से ठीक पहले शुरू होने वाले यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का पूरा लाभ उठाना चाहती है। 29 जुलाई से शुरू होने वाले इस सत्र में 2024-25 का पहला अतिरिक्त बजट भी प्रस्तुत किया जाएगा।
योगी सरकार उपचुनाव से ठीक पहले शुरू होने वाले यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का पूरा लाभ उठाना चाहती है। 29 जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में राज्य सरकार भी 2024-25 का पहला अतिरिक्त बजट पेश करेगी। प्रदेश सरकार इस अनुपूरक के माध्यम से प्रयागराज कुंभ की तैयारियों के लिए धनराशि देगी। इसके साथ ही अन्य विभागों की जरूरी परियोजनाओं को भी पूरा करने का इंतजाम अनुपूरक में करेगी, सरकार की सूचना मिलते ही वित्त विभाग ने अतिरिक्त बजट बनाने का प्रबंध करना शुरू कर दिया है।
केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए 2024-25 के पूर्ण बजट में राज्य के विकास के लिए भारी धनराशि मिलने की खबर के बाद, राज्य सरकार का यह अतिरिक्त बजट भी राज्य की विकास योजनाओं को तेज करेगा। सूत्रों के अनुसार, इस अनुपूरक बहुत बड़ा नहीं होगा, लेकिन सरकार बहुत सी योजनाओं, प्राथमिकताओं और प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगी। योगराज कुंभ पर अधिक ध्यान देगा। फरवरी में राज्य सरकार ने 2024-25 के लिए 7.36 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। इस वर्ष मूल बजट के बाद यह पहला अनुपूरक बजट होगा।
सत्र छोटा होगा, लेकिन प्रभावशाली होगा
यह सत्र यूं तो विधायी कामकाज के हिसाब से छोटा होगा लेकिन राजनीतिक सरगर्मी के लिहाज से जोरदार होने वाला है। यही कारण है कि लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद समाजवादी पार्टी का रुख बहुत अधिक आक्रामक हो गया है। इसके संकेत लोकसभा सत्र में देखे गए हैं। अब सपा सदन में अपनी पिछली सफलताओं के कारण सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर रही है। विधानसभा सत्र हर छह महीने होना चाहिए। इस संवैधानिक आवश्यकता के परिणामस्वरूप यह सत्र बुलाया गया है।
सपा कांग्रेस गठबंधन सरकार और भाजपा को कई राजनीतिक मुद्दों पर घेरेगा। सदन में अखिलेश यादव उपस्थित नहीं होंगे। सपा उनकी जगह कोई और विधायक नेता प्रतिपक्ष देगा। नए नेता प्रतिपक्ष को अखिलेश यादव से भी तुलना होगी और सरकार को कितना घेर पाते हैं, इस पर सबकी निगाह रहेगी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहले ही उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को ‘मानसून आफर’ की बात कहकर घेर लिया था, जिसका उन्होंने अखिलेश यादव को करारा जवाब भी दिया है. हालांकि, इस विषय पर चर्चा होने की पूरी संभावना है। नीट परीक्षा सहित अन्य कई परीक्षाओं में गड़बड़ी भी विपक्ष मुद्दा बनाएगा।