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Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी कब है? पूजा की तिथि, पूजा की प्रक्रिया, शुभ मुहूर्त और पूजन सामग्री की सूची को नोट करें।

Yogini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी बहुत महत्वपूर्ण है। एकादशी मासिक दो बार पड़ती है। एक पक्ष में कृष्ण पक्ष और दूसरा पक्ष शुक्ल पक्ष है। साल में 24 एकादशी होती हैं। योगिनी एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में होती है।

Yogini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी बहुत महत्वपूर्ण है। एकादशी मासिक दो बार पड़ती है। एक पक्ष में कृष्ण पक्ष और दूसरा पक्ष शुक्ल पक्ष है। साल में 24 एकादशी होती हैं। (Yogini Ekadashi 2025) योगिनी एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में होती है। एकादशी तिथि भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिपूर्वक की जाती है। भगवान विष्णु को पूजने से हर मनोकामना पूरी होती है। आइए जानते हैं, योगिनी एकादशी डेट, पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त…

Yogini Ekadashi 2025 Date- 22 जून को गृहस्थ और 23 जून को वैष्णवों के लिए योगिनी एकादशी है।

योगिनी एकादशी का पारण समय- Yogini Ekadashi 2025

22 जून को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 01:47 पी एम से 04:35 पी एम

पारण तिथि हरि वासर समाप्त होने का समय 09:41 AM

23 जून को एकादशी के लिए पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 05:24 ए एम से 08:12 ए एम

द्वादशी, पारण के दिन, सूर्यास्त से पहले समाप्त हो जाएगा।

योगिनी एकादशी की पूजा की प्रक्रिया

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

घर के मंदिर में दीपक जलाएं।

गंगा जल से भगवान विष्णु का अभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दें।

इस दिन अगर संभव हो तो व्रत भी रखें।

भगवान की आरती करें।

भगवान को खाओ। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजें खानी चाहिए। तुलसी को भगवान विष्णु के भोग में अवश्य शामिल करें। माना जाता है कि भगवान विष्णु तुलसी के बिना भोजन नहीं करते हैं।

इस पावन दिन माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की पूजा करें।

इस दिन भगवान के पास अधिक से अधिक समय बिताएँ।

एकल पूजा सामग्री की सूची

श्री विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति

पुष्प

नारियल

सुपारी

फल

लौंग

धूप

दीप

घी

पंचामृत

अक्षत

तुलसी दल

चंदन

मिष्ठान

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