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Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचिनी एकादशी कब है? नोट करें तिथि, पूजा

Papmochani Ekadashi 2025: चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को हर साल पापमोचिनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु की पूजा बहुत महत्वपूर्ण है।

Papmochani Ekadashi 2025: चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को हर साल पापमोचिनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु की पूजा बहुत महत्वपूर्ण है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो लोग श्रद्धापूर्वक पापमोचिनी एकादशी का व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं, वे सभी पापों से छुटकारा पाते हैं और भगवान विष्णु प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का वरदान देते हैं।

पापमोचिनी एकादशी की दिनांक

दृक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष पापमोचिनी एकादशी तिथि दो दिन होगी। 25 मार्च को गृहस्थजन और 27 मार्च को वैष्णवजन पापमोचिनी एकादशी व्रत रहेंगे।

मुहूर्त-

एकादशी तिथि प्रारम्भ – मार्च 25, 2025 को 05:05 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त – मार्च 26, 2025 को 03:45 ए एम बजे

पापमोचिनी एकादशी मंगलवार, मार्च 25, 2025 को

26 मार्च को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 01:41 पी एम से 04:08 पी एम

पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 09:14 ए एम

पापमोचिनी एकादशी पारण

वैष्णव पापमोचिनी एकादशी बुधवार, मार्च 26, 2025 को

27 मार्च को, वैष्णव एकादशी के लिए पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 06:17 ए एम से 08:45 ए एम

पारण के दिन द्वादशी सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।

पूजा-पाठ:

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।

घर के मंदिर में दीपक जलाएं।

गंगा जल से भगवान विष्णु का अभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दें।

इस दिन अगर संभव हो तो व्रत भी रखें।

भगवान की आरती करें।

भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजें खानी चाहिए। तुलसी को भगवान विष्णु के भोग में अवश्य शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं।

इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें।

इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।

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