धर्म

19 अगस्त 2025 का पंचांग: मंगलवार को अजा एकादशी के शुभ-अशुभ मुहूर्त जानें

19 अगस्त 2025 का पंचांग: मंगलवार को अजा एकादशी के शुभ-अशुभ मुहूर्त, तिथि, नक्षत्र, योग और करण सहित सभी महत्वपूर्ण ज्योतिषीय जानकारियां पढ़ें। जानें ब्रह्म मुहूर्त, राहुकाल और अन्य महत्वपूर्ण समय।

19 अगस्त 2025 का पंचांग आपके लिए लेकर आया है मंगलवार के दिन के सभी महत्वपूर्ण धार्मिक और ज्योतिषीय जानकारियां। पंचांग के अनुसार आज अजा एकादशी है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। आइए जानते हैं इस दिन के वार, तिथि, नक्षत्र, योग, करण, और साथ ही शुभ-अशुभ मुहूर्त।

19 अगस्त 2025 का पंचांग विवरण

  • वार: मंगलवार

  • तिथि: भाद्रपद कृष्ण एकादशी (03:32 PM तक), इसके बाद द्वादशी

  • नक्षत्र: आर्द्रा (01:07 AM तक, 20 अगस्त तक)

  • योग: वज्र (08:30 PM तक), फिर सिद्धि योग

  • करण: बालव (03:32 PM तक)

  • चंद्र राशि: मिथुन

  • सूर्योदय: 05:52 AM

  • सूर्यास्त: 06:57 PM

  • चंद्रोदय: 02:29 AM (20 अगस्त)

  • चंद्रास्त: 04:18 PM

मंगलवार के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: 04:25 AM से 05:09 AM

  • प्रातः सन्ध्या: 04:47 AM से 05:52 AM

  • अभिजित मुहूर्त: 11:58 AM से 12:51 PM

  • विजय मुहूर्त: 02:35 PM से 03:27 PM

  • गोधूलि मुहूर्त: 06:57 PM से 07:18 PM

  • सायाह्न सन्ध्या: 06:57 PM से 08:02 PM

  • अमृत काल: 03:32 PM से 05:04 PM

  • निशिता मुहूर्त: 12:03 AM से 12:47 AM (20 अगस्त)

मंगलवार के अशुभ मुहूर्त

  • राहुकाल: 03:40 PM से 05:19 PM

  • यमगण्ड: 09:08 AM से 10:46 AM

  • गुलिक काल: 12:24 PM से 02:02 PM

  • दुर्मुहूर्त: 08:29 AM से 09:22 AM, 11:19 PM से 12:03 AM (20 अगस्त)

  • वर्ज्य: 10:09 AM से 11:41 AM

पञ्चक एवं पञ्चांग के अन्य विशेष मुहूर्त

  • रज पञ्चक: 05:52 AM से 08:03 AM

  • शुभ मुहूर्त: 08:03 AM से 10:20 AM

  • चोर पञ्चक: 10:20 AM से 12:39 PM

  • शुभ मुहूर्त: 12:39 PM से 02:58 PM

  • रोग पञ्चक: 02:58 PM से 03:32 PM

  • शुभ मुहूर्त: 03:32 PM से 05:02 PM

  • मृत्यु पञ्चक: 05:02 PM से 06:44 PM

  • अग्नि पञ्चक: 06:44 PM से 08:11 PM

  • शुभ मुहूर्त: 08:11 PM से 09:36 PM

  • मृत्यु पञ्चक: 09:36 PM से 11:11 PM

  • अग्नि पञ्चक: 11:11 PM से 01:07 AM (20 अगस्त)

अजा एकादशी का महत्व

अजा एकादशी को व्रत रखने से मनुष्य के पाप कटते हैं और जीवन में शांति व समृद्धि आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। इस दिन का व्रत धार्मिक अनुयायियों के लिए बेहद शुभ माना जाता है।

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