Arvind Kejriwal ने यह भी पूछा कि क्या मैं बिजली और महिलाओं की बस यात्रा को फ्री कर सकता था अगर मैं बेईमान होता? सरकारी स्कूल और अस्पताल अच्छे कर सकता था?
Arvind Kejriwal: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जंतर मंतर पर जनता की अदालत लगाई। इस दौरान उन्होंने बीजेपी को जमकर घेर लिया और जेल से बाहर निकलने की वजह भी बताई। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दाग को सहन नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “मैं बेईमान होने के दाग के साथ काम करना तो दूर, जीवित भी नहीं रह सकता। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या मैं बिजली और महिलाओं की बस यात्रा को फ्री कर सकता था अगर मैं बेईमान होता? सरकारी अस्पताल और स्कूल अच्छा कर सकता था?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिजली फ्री करने में 3 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। अगर मैं बैईमान होता तो बिजली फ्री करने की क्या जरूरत थी। 3 हजार करोड़ रुपए खा जाता। यदि मैं बेईमान होता तो महिलाओं का बस किराया फ्री क्यों देता? उन्होंने कहा कि जब मैं जेल से बाहर आया था, मैंने सोचा था कि मैं सीएम पद पर नहीं बैठूंगा जब तक कोर्ट मुझे रिहा नहीं कर देता। मैंने जनता की अदालत में जाने का निर्णय लिया क्योंकि वकीलों ने कहा कि इस केस पर कोई भरोसा नहीं था और इसमें दस से पंद्रह वर्ष भी लग सकते थे। उन्होंने कहा, मैं बेईमान के दाग के साथ जी भी नहीं सकता।
13 सितंबर को शराब घोटाला मामले में पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद तिहाड़ जेल से रिहा होने पर केजरीवाल ने कहा कि वह देश की सेवा करने के लिए राजनीति में आए हैं, न कि सत्ता या पद के लालच में। साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों से दुखी होकर इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में उन्होंने सिर्फ सम्मान कमाया है, न कि धन।
श्राद्ध के बाद सरकारी घर छोड़ देंगे
केजरीवाल ने कहा कि आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव उनकी अग्नि परीक्षा होगी और जो लोग उन्हें बेईमान समझते हैं, वे उन्हें वोट नहीं देंगे। आम आदमी पार्टी (आप) के अध्यक्ष ने कहा कि नवरात्र के दौरान वह “श्राद्ध” अवधि के बाद मुख्यमंत्री का आधिकारिक आवास छोड़ देंगे और उन लोगों के बीच रहेंगे, जो उन्हें आवास की पेशकश कर रहे हैं।