Blood pressure: ये चार स्तर हैं हाई ब्लड प्रेशर, आप भी अपना चेक करें, चौथे में दिल का दौरा होने का खतरा

Blood pressure:

नॉर्मल Blood pressure रेंज के बाद हाई बीपी चार स्‍टेज में विभाजित है। हाइपरटेंशन (उच्च रक्‍तचाप ) एक बीमारी है जो दिल का दौरा, कार्डिएक अरेस्‍ट और स्ट्रोक तक दे सकती है;

जब भी आप किसी अस्पताल में डॉक्टर से मिलते हैं, आपका Blood pressure सबसे पहले जांचा जाता है। इसका कारण यह है कि ब्लड प्रेशर की जांच से आधी से अधिक बीमारियां साफ हो जाती हैं। डॉक्टर आपके हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन का पहला इलाज करेंगे क्योंकि यह नियंत्रित नहीं किया गया तो जान ले सकता है। तब आपकी दूसरी बीमारी का इलाज करेंगे। आप अक्सर अपना Blood pressureचेक करते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर की चार स्तर हैं और हर स्तर का अपना अलग साइड इफैक्‍ट है? आइए जानते हैं।

डॉ. राहुल अरोड़ा और डॉ. सिद्धार्थ सम्राट, फेलिक्‍स अस्पताल, नोएडा के कार्डियोलॉजिस्ट और हार्ट सर्जन, बताते हैं कि हाइपरटेंशन एक बीमारी है। हाइपरटेंशन में ब्लड वैसेल्‍स पर खून का दबाव लगातार बढ़ जाता है। हार्ट अटैक अक्सर होते हैं क्योंकि हार्ट को अधिक दबाव से अधिक शक्ति से पम्प करना पड़ता है। आजकल, चाहे गांव हो या शहर, यह एक बीमारी बन गई है जो न सिर्फ बुजुर्गों को बल्कि युवाओं और बच्चों को भी चपेट में ले रही है।

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप के लक्षणों में शामिल हैं:
ये हैं हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति और इससे होने वाले नुकसान:

सामान्‍य रक्तचाप:

सामान्‍य Blood pressure में सिस्‍टोलिक  (ऊपर) और डायस्‍टोलिक (नीचे) बीपी की रेंज 120/80 होती है। यह स्थान सबसे उपयुक्त है। इसमें बीमारी का खतरा नहीं है।

1st स्टेज: प्री-हाइपरटेंशन:

प्री-हाइपरटेंशन होता है जब किसी व्यक्ति का Blood pressure139/89 के बीच में बढ़ता है। यह मरीज को हाइपरथाइराइडिज्‍म या किडनी की बीमारी का खतरा बनाए रखता है। आंखों पर भी असर पड़ता है|

2nd स्‍टेज: माइल्ड हाइपरटेंशन:
इस स्थिति में ब्लड प्रेशर 140/90 से 159/99 तक होता है। इस रेंज में बीपी होने पर यह माइल्ड हाइपरटेंशन है। इससे दिल, आंखें, किडनी पर असर होने के अलावा कार्डियोवैस्‍कुलर डिजीज और डायबिटीज होने की संभावना रहती है।

3rd स्‍टेज: मॉडरेट हाई ब्‍लड प्रेशर:
इस रेंज में ब्लड प्रेशर 160/110 से 179/109 तक है। यह खतरनाक स्थिति है। इसमें दिल का दौरा या स्ट्रोक होने की संभावना है। थोड़ी सी गलती आपकी जान ले सकती है।

4th स्‍टेज: गंभीर रक्तचाप

यह हाई बीपी की सबसे खतरनाक स्थिति है। यदि किसी व्यक्ति का बीपी 180/110 इस रेंज में है, तो उसे कार्डिएक अरेस्ट, सीवियर हार्ट अटैक, किडनी  फेल्‍योर, स्ट्रोक या ब्रेन हेमरेज आदि हो सकते हैं। मरीज की मौत हो सकती है।

हाइपरटेंशन के ये रिस्‍क और नुकसान:
  • हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्‍ट
  • स्‍ट्रोक
  • किडनी डैमेज
  • ब्‍लड वैसेल डेमेज
  • आंखों को नुकसान
ये ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण हो सकते हैं:
  • अधिक थकान और बेचैनी
  • नींद की कमी, शराब पीना और धूम्रपान
  • मोटापा और डायबिटीज हाई बीपी की संभावना बढ़ाते हैं
  • सफेद नमक, अधिक चटपटा खाना और तैलीय खाना
  • व्यायाम नहीं करना, बहुत देर सोना, कंप्यूटर या मोबाइल फोन पर बहुत देर तक बैठना
इस तरह बचाव कर सकते हैं:
  • धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
  • हरी-सब्जियां और फलें खाएं।
  • छह महीने में एक बार बीपी जांच कराना अनिवार्य है।
  • कम फैट वाले डेयरी उत्पादों को अपनी डाइट में शामिल करें।
  • हर दिन करीब एक घंटे योग करें।
  • रोजाना 5 ग्राम से कम नमक नहीं लेना चाहिए।
  • शरीर को सक्रिय रखते हुए वजन कम करें।
  • रोज सुबह वॉक या रनिंग करने की आदत डालें।
  • फैमिली के साथ समय बिताएं।
डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में अधिक समस्याएं:

डॉ. सिद्धार्थ बताते हैं कि डिप्रेशन से पीड़ित लोगों में अधिक बार हाइपरटेंशन की समस्या देखी गई है। 30 से 50 वर्ष के बीच के मरीजों में ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने की आशंका अधिक होती है। अगर आप लगातार सिर दर्द, बेचैनी और चक्कर से परेशान हैं सावधान रहें अगर आपको सांस लेने में परेशानी या उल्टी हो रही है। यह हाई ब्लडप्रेशर का संकेत हो सकता है। साइलेंट किलर सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारी है।

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