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Chhava Movie Review: हर फ्रेम में चमक रहे विक्की कौशल, विश्वासघात, बलिदान और जुनून की कहानी है ‘छावा’

Chhava Movie Review: विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना और अक्षय खन्ना ने लक्ष्मण उतेकर द्वारा निर्देशित छावा में अभिनय किया है।

Chhava Movie Review: मैडॉक फिल्म के दिनेश विजन ने इस फिल्म का निर्माण किया है। 14 फरवरी, वैलेंटाइन्स डे पर फिल्म रिलीज होगी। अगर आप इसे देखने की योजना बना रहे हैं, तो पहले रिव्यू को पूरा पढ़ें।

छावा’ छत्रपति संभाजी महाराज की अनसुनी कहानी है। फिल्म में विक्की कौशल ने संभाजी का किरदार निभाया है। ये फिल्म वीर मराठा योद्धा के साहस, संघर्ष और विरासत को दिखाने में सफल रही है। फिल्म में विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना महारानी येसुबाई के रूप में काम करते हैं। भयानक औरंगजेब के रूप में अक्षय खन्ना कहानी को मजबूत कर रहे हैं। ये कहानी साहसिक, भावुक और ऐतिहासिक है। तेज भागने वाली कहानी शुरू से अंत तक पाठकों को एक साथ रखती है। रिव्यू को पूरा पढ़ें, वीरता और बलिदान के साथ-साथ विश्वासघात के दर्द और स्वतंत्रता की निरंतर खोज के बारे में अधिक जानने के लिए।

कैसी कहानी है?

कहानी जनवरी 1681 में शुरू होती है, जब मुगल बादशाह औरंगजेब को छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन की खबर मिलती है। औरंगजेब को ये खबर मिलते ही राहत मिलती है। औरंगजेब को लगता है कि डेकन के मराठा साम्राज्य को अब आराम से कब्जा कर लेगा। इस दौरान औरंगजेब को छत्रपति संभाजी महाराज उर्फ ​​छावा की शक्ति का अहसास नहीं होता। इसी बीच छावा बुरहानपुर पर हमला करके मुगलों को पराजित करते हैं। मुगलों का सबसे अमीर शहर उस समय बुरहानपुर था। औरंगजेब को छावा ने जीत की खुशी मनाने के लिए डेकन पर शैतानी नजर न डालने की चेतावनी दी।

हार के बाद औरंगजेब गुस्से में मराठा साम्राज्य को खत्म कर मुग़ल साम्राज्य बनाने की कसम खाता है। उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज को गिरफ्तार करने का भी वचन दिया है। दूसरी ओर, छत्रपति संभाजी महाराज भी औरंगजेब की बड़ी सेना से लड़ने और उसे हराने की योजना बनाते हैं। ऐसा होने पर कहानी में कई रोचक मोड़ आते हैं। फिल्म में येसुबाई के साथ छावा का प्रेम और भावुक क्षण भी दिखाए गए हैं।

निर्देशन और तकनीकी पक्ष

निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने मिमी, लुका छुपी और जरा हटके जरा बचके जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है। इस बार लक्ष्मण उतेकर ने हल्की फुल्की कॉमेडी के साथ सामाजिक मुद्दे उठाने वाले एक पूरी तरह से अलग जॉनर चुना। उन्होंने फिक्शन को छोड़कर ऐतिहासिक कहानी को तवज्जो दी। वास्तविक कहानी को बताने के लिए उन्हें पूरे मार्क्स मिलते हैं। निर्देशक एक महान राजा की कहानी कहने के लिए प्रशंसा के योग्य हैं। उन्होंने बहादुरी और वीरता के भावों को प्रदर्शित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दर्शक पहले फ्रेम से कहानी से जुड़ेंगे सिर्फ निर्देशक की कला से। फिल्म में कई रोमांचक क्षण हैं, जो इसे रोमांचक, आकर्षक और मनोरंजक बनाते हैं। सिनेमेटोग्राफी भी लाजमी है। A.R. रहमान का संगीत फिल्म में आने वाले हर मोड़ पर सटीक बैठता है और कहानी को संतुलित रखता है। एक ही कमी है और वो है कुछ ऐसे कट की जिसकी आप उम्मीद नहीं करेंगे। ये जम्प कट बीच-बीच में डिसकनेक्ट करते हैं, जिससे कहानी का फ्लो ख़राब होता है, लेकिन इसका मतलब ये हरगिज़ नहीं कि फिल्म बोझिल करती है। ।

अभिनय

यकीन है कि विक्की हर फिल्म के साथ अपने अभिनय को और बेहतर कर रहे हैं। विक्की कौशल ने इस फिल्म में उत्कृष्ट अभिनय से छत्रपति संभाजी महाराज को जीवंत किया है। अपने प्रभावशाली संवादों से लेकर छोटी-छोटी बारीकियों तक, उन्होंने अभिनय के हर क्षेत्र में अपना प्रभाव छोड़ा है। ये विक्की कौशल के करियर में सबसे अच्छी प्रदर्शनों में से एक हैं। येसुबाई की तरह रश्मिका सुंदर लगी हैं। फिल्म में उनकी उपस्थिति हल्की हवा की तरह है। क्रूर औरंगजेब के रूप में अक्षय खन्ना अविश्वसनीय रूप से सुंदर हैं। इस किरदार को अक्षय खन्ना ने जीवंत बनाया है। शायद ही इस किरदार में उनसे बेहतर कोई व्यक्ति होता। आशुतोष राणा, दिव्या दत्ता, विनीत कुमार सिंह और डायना पेंटी भी स्पोर्टिंग रोल में परफेक्ट सिलेक्शन रहे हैं। इस फिल्म के एक्टर्स को एक्स्ट्रा ब्राउनी पॉइंट्स देना बनता है।

कैसी है फिल्म?

“छावा” एक शानदार फिल्म है, जिसकी भव्यता को समझने के लिए सिनेमाघरों में जाना चाहिए। फिल्म के में हुई हल्की फुल्की चूक को नज़रअंदाज़ किया जा सकता है। विक्की कौशल के फैंस लिए ये फिल्म ट्रीट साबित होगी। इस फिल्म को हम 3.5 स्टार्स दे रहे हैं।

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