दिल्ली के पेट्रोल और CNG पंपों को रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा आदेश, आज से लागू होंगे सख्त नियम

दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला—आज से बिना PUCC वाले वाहनों को पेट्रोल, डीजल और CNG नहीं मिलेगी। गैर-BS-6 वाहनों की एंट्री पर भी रोक, जानें नए प्रदूषण नियम।

दिल्ली की खराब होती वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने फैसला किया है कि आज से बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUCC) वाले किसी भी वाहन को राजधानी के पेट्रोल, डीजल या CNG पंप से ईंधन नहीं दिया जाएगा। यह नियम दिल्ली के सभी ईंधन स्टेशनों पर अनिवार्य रूप से लागू होगा।

PUCC के बिना नहीं मिलेगा ईंधन

दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने जानकारी दी कि वाहनों से निकलने वाले धुएं को नियंत्रित करने के लिए यह फैसला जरूरी था। उन्होंने बताया कि सभी पेट्रोल, डीजल और CNG पंप संचालकों को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि PUCC दिखाए बिना किसी भी वाहन को ईंधन न दिया जाए।

गैर-BS-6 वाहनों की एंट्री पर रोक

सरकार ने यह भी तय किया है कि 18 दिसंबर से अन्य राज्यों के BS-6 से नीचे के वाहन दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। यह प्रतिबंध पेट्रोल और डीजल दोनों तरह के वाहनों पर लागू होगा। इसके अलावा, दिल्ली में निर्माण सामग्री लेकर आने वाले सभी वाहनों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है, चाहे वे BS-6 मानक के ही क्यों न हों।

ANPR सिस्टम से होगी निगरानी

नियमों को सख्ती से लागू करने के लिए दिल्ली के बॉर्डर और पेट्रोल पंपों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) सिस्टम और मौके पर जांच की व्यवस्था की जाएगी। मंत्री ने आम जनता से अपील की कि नियमों के पालन के दौरान पेट्रोल पंप या चेक पोस्ट पर तैनात कर्मचारियों से किसी तरह की बहस न करें।

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AQI में सुधार का दावा, उद्योगों पर कार्रवाई तेज

पर्यावरण मंत्री ने दावा किया कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में दिल्ली के औसत AQI में सुधार दर्ज किया गया है। नवंबर-दिसंबर जैसे प्रदूषण के चरम महीनों में इस साल औसतन 20 अंक तक AQI कम रहा है। उन्होंने बताया कि यह सख्त निगरानी और वैज्ञानिक नीतियों का परिणाम है।

सरकार ने प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों पर भी सख्त कार्रवाई की है। अब तक 2,000 से अधिक नोटिस जारी किए जा चुके हैं और 9.21 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया है। 280 उद्योगों में ऑनलाइन उत्सर्जन निगरानी प्रणाली स्थापित की जा चुकी है। डीजल जनरेटर सेट और बैंक्वेट हॉल्स की भी नियमित जांच की जा रही है।

कचरा प्रबंधन और इलेक्ट्रिक बसों पर फोकस

दिल्ली के लैंडफिल साइट्स पर कचरे के पहाड़ खत्म करने के लिए बायो-माइनिंग क्षमता को 20,000 से बढ़ाकर 35,000 मीट्रिक टन प्रतिदिन किया गया है। लगभग 45 एकड़ भूमि को खाली कर वहां पौधारोपण और शहरी वन विकसित किए जा रहे हैं।

परिवहन क्षेत्र में हरित बदलाव को बढ़ावा देते हुए मंत्री ने बताया कि फिलहाल दिल्ली की सड़कों पर 3,427 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। सरकार का लक्ष्य दिसंबर 2026 तक 7,500 ई-बसें उतारने का है, जिससे प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी।

जनता से सहयोग की अपील

अंत में पर्यावरण मंत्री ने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि प्रदूषण एक दिन में खत्म नहीं किया जा सकता। उन्होंने वाहन मालिकों से तुरंत PUCC बनवाने और नियमों का पालन करने की अपील की ताकि दिल्लीवासियों को साफ और सुरक्षित हवा मिल सके।

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