आम आदमी पार्टी की मध्य ज़ोन कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. ज्वेल वसरा ने गुजरात में बढ़ते बाल विवाह पर गहरी चिंता जताई और सरकार की नाकामी की आलोचना की। बाल विवाह निषेध कानून के सही तरीके से लागू न होने पर सवाल उठाए।
राज्य में बढ़ते बाल विवाह को लेकर आम आदमी पार्टी की मध्य ज़ोन की कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. ज्वेल वसरा ने कहा कि आज बाल विवाह के आंकड़े देखकर मुझे गहरा दुख हुआ है। बाल विवाह निषेध कानून 2006 में लागू हुआ, लेकिन आज तक उसका सही तरीके से अमल नहीं किया गया। इस कानून को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि उत्तर गुजरात के महेसाणा जिले में 13 से 17 वर्ष की नाबालिग लड़कियां गर्भवती पाई गई हैं। 13 वर्ष की उम्र पढ़ाई करने और खेलने की होती है, लेकिन कानून होने के बावजूद कम उम्र की बेटियों का विवाह कर उनके साथ अन्याय किया जा रहा है, जो बेहद दुखद है। कानून बना दिए जाते हैं, लेकिन उनका पालन नहीं होता।
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डॉ. ज्वेल वसरा ने आगे बताया की यह सर्वे इस बात का प्रमाण है कि सरकार पूरी तरह विफल रही है। डॉ. ज्वेल वसरा ने कहा कि चार-पांच दिन पहले संसद में वंदे मातरम् गीत को लेकर लंबी चर्चा कराई गई। संसद का एक-एक मिनट देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है, लेकिन भाजपा सरकार विकास और जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय वंदे मातरम् जैसे विषयों पर बहस कराकर ध्यान भटकाती है। वंदे मातरम् गीत पर मुझे सहित सभी देशवासियों को गर्व है, लेकिन देश की वास्तविक स्थिति पर भी सरकार को बोलना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में हुए ब्लास्ट के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए भाजपा सरकार वंदे मातरम् का विषय लेकर आई, क्योंकि उस ब्लास्ट पर सरकार के पास कोई जवाब नहीं था। उन्होंने भाजपा सरकार से सवाल किया कि बहन-बेटियों के लिए बनाए गए कानूनों की हालत बदतर होती जा रही है। इस पर सरकार कब जागेगी? बाल विवाह कराकर बेटियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को सजा कब दी जाएगी?
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