केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच भारत-यूएस ट्रेड डील को लेकर हुई चर्चा में किसानों ने साफ कहा है कि अगर यह समझौता होता तो देश का किसान बर्बाद हो जाता। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी तरह के दबाव में नहीं आएगा, चाहे वह अमेरिका जैसा बड़ा देश क्यों न हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को किसान हितों की रक्षा के लिए कड़ा जवाब दिया है।
अमेरिका के टैरिफ दबाव के बीच भारत ने दी सख्त प्रतिक्रिया
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “भारत किसी से डरता नहीं है। अमेरिका के पास इतनी ताकत नहीं कि वह हमें हराए। हमारी आबादी और बाजार इतना बड़ा है कि सब कुछ यहीं बनेगा।” उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि सरकार पूरी तरह उनके साथ खड़ी है और उनकी चिंता बेकार है।
किसान नेताओं का भरोसा: अगर समझौता हो जाता तो किसान बर्बाद हो जाते
किसान नेता कृपा सिंह नत्थूवाला ने कहा, “ट्रेड डील के दबाव से किसान बहुत चिंतित थे। यदि यह समझौता होता, तो देश के किसान बर्बाद हो जाते। प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री ने किसानों के हित में कड़ा फैसला लिया है, जिससे पूरे देश के किसान गर्व महसूस कर रहे हैं।” उन्होंने आम नागरिकों और व्यापारियों से भी अपील की कि वे अमेरिका के दबाव से घबराएं नहीं।
पीएम मोदी ने किसानों के हितों को रखा सर्वोपरि
भारतीय कृषक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णवीर चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस बयान से किसानों में अपार खुशी और विश्वास बना है।
किसानों की आशंकाएं पीएम मोदी के बयान से खत्म हुईं
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि पिछले तीन महीनों से किसानों में यह डर था कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता किसानों के हितों के खिलाफ हो सकता है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के स्पष्ट बयान से सारी आशंकाएं दूर हो गई हैं।
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