रेनाड्स सिंड्रोम लक्षण: ठंड में नीली पड़ती हैं उंगलियां? जानें शरीर में किस चीज़ की होती है कमी और कैसे बचें

जानें क्यों ठंड में नीली पड़ जाती हैं उंगलियां, रेनाड्स सिंड्रोम के लक्षण, शरीर में किस चीज़ की कमी होती है और इससे बचने के आसान उपाय।

सर्दियों में कई लोगों की उंगलियां अचानक सफेद, नीली या बैंगनी पड़ जाती हैं, साथ में झनझनाहट, दर्द और सूजन जैसी परेशानियां भी दिखाई देती हैं। अक्सर इसे सामान्य ठंड समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन यह रेनाड्स सिंड्रोम (Raynaud’s Syndrome) का संकेत हो सकता है। यह समस्या खासकर 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में अधिक देखी जाती है।

ठंड में उंगलियां क्यों पड़ती हैं नीली?

रेनाड्स सिंड्रोम में हाथ और पैरों की उंगलियों की धमनियां ठंड पड़ते ही सिकुड़ जाती हैं, जिससे रक्त और ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है। इसके कारण उंगलियां पहले सफेद, फिर नीली और बाद में लाल पड़ने लगती हैं। ऑक्सीजन की कमी से उंगलियों में सुन्नपन, जलन और दर्द भी हो सकता है। लगातार इसका अनुभव होने पर छोटे घाव भी बन सकते हैं। यह स्थिति तनाव या ठंडे वातावरण में लंबे समय तक रहने से भी ट्रिगर हो सकती है।

किन लोगों में खतरा अधिक है?

उंगलियों का नीला पड़ना उन लोगों में ज्यादा होता है जो:

डॉक्टर्स के अनुसार, सर्दियों में करीब 60 प्रतिशत मरीज इस समस्या के साथ ओपीडी में पहुंचते हैं। लापरवाही से समस्या बढ़ने पर उंगलियां काली पड़ सकती हैं और गंभीर मामलों में ऊतक भी नष्ट हो सकते हैं।

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बचाव के उपाय

रेनाड्स सिंड्रोम से बचने के लिए अपनाएं ये उपाय:

शुरुआती इलाज दवाओं से संभव है, लेकिन कुछ मामलों में बायोफीडबैक तकनीक से हाथों का तापमान नियंत्रित किया जाता है। अगर दवाओं से राहत न मिले, तो गंभीर स्थिति में सर्जरी की भी आवश्यकता पड़ सकती है।

सर्दियों में हाथों की सुरक्षा और समय पर इलाज रेनाड्स सिंड्रोम से बचने का सबसे असरदार तरीका है।

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