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350वां शहीदी दिवस: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बोले- गुरु तेग बहादुर का बलिदान मानवता के लिए प्रेरणादायक, हरियाणा संतों की धरती

350वां शहीदी दिवस: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को मानवता के लिए प्रेरणादायक बताया, कुरुक्षेत्र में ज्योतिसर समारोह में पीएम मोदी मुख्य अतिथि।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में आयोजित 350वें शहीदी दिवस समारोह में गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को समस्त मानवता के लिए प्रेरणादायक बताया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गुरु जी का बलिदान केवल एक समुदाय या क्षेत्र तक सीमित नहीं था, बल्कि यह ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के सिद्धांत को जीवंत करने वाला था।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का संदेश पत्र

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरु तेग बहादुर जी के व्यक्तित्व और उनके अदम्य साहस पर प्रकाश डालते हुए लिखा कि वे पीढ़ी-दर-पीढ़ी मानवता के सच्चे रक्षक, अत्याचार के खिलाफ अदम्य साहस के प्रतीक और धार्मिक स्वतंत्रता के महान संरक्षक रहे हैं। उन्होंने बताया कि गुरु जी का जन्म 1 अप्रैल 1621 को अमृतसर में हुआ, उनका बचपन का नाम त्यागमल था और वे छठे गुरु श्री हरगोबिंद साहिब जी व माता नानकी जी के पुत्र थे।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “जब-जब मानवता पर अत्याचार हुए, तब-तब महापुरुषों का अवतरण हुआ। मुगल बादशाह औरंगजेब के अत्याचारों से त्रस्त कश्मीरी पंडितों ने आनंदपुर साहिब में गुरु जी से रक्षा की विनती की। बालक गोबिंद राय (भविष्य के गुरु गोबिंद सिंह) के प्रेरक वचन पर गुरु जी ने दिल्ली की ओर प्रस्थान किया और अपना शीश कुर्बान कर धर्म की रक्षा की। यदि यह बलिदान न होता, तो आज का हिन्दुस्तान कैसा होता, कल्पना से परे है।”

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हरियाणा की सांस्कृतिक विरासत

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा को संतों और महापुरुषों की धरती बताते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि महाभारत के युद्ध और गीता उपदेश की गवाही देती है। उन्होंने 2015 में शुरू की गई ‘संत-महापुरुष सम्मान एवं चिंतन प्रसार योजना’ का उल्लेख किया, जिसमें गुरु नानक देव, गुरु तेग बहादुर, गुरु गोबिंद सिंह, बाबा बंदा सिंह बहादुर, धन्ना भगत, कबीर, नामदेव और रविदास जैसे महापुरुषों के विचारों का प्रचार किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह भी बताया कि यमुनानगर में गुरु तेग बहादुर मेडिकल कॉलेज और लोहगढ़ में मार्शल आर्ट इंस्टिट्यूट बन रहा है। सिरसा के गुरुद्वारा चिल्ला साहिब को 72 कनाल भूमि निःशुल्क दी गई है। अंबाला में 28 गुरुद्वारे हैं। इसके अलावा ‘गुरु तेग बहादुर चेयर’, मेमोरियल, मार्ग, वन और कृषि महाविद्यालय सहित कई परियोजनाएँ शुरू की गई हैं, ताकि गुरु जी का संदेश भावी पीढ़ियों तक पहुंचे।

प्रधानमंत्री मोदी मुख्य अतिथि

समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि हैं। वे ज्योतिसर में महाभारत अनुभव केंद्र का लोकार्पण करेंगे, गुरु जी की स्मृति में सिक्का और डाक टिकट जारी करेंगे, कॉफी टेबल बुक का अनावरण करेंगे और ब्रह्मसरोवर में महाआरती में भाग लेंगे।

350वां शहीदी दिवस केवल ऐतिहासिक महत्व का नहीं है, बल्कि यह मानवता, धर्म की स्वतंत्रता और संतों की शिक्षा का प्रतीक भी बन गया है।

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