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धर्म

शनि महादशा के प्रभाव और उपाय: क्यों माना जाता है साढ़े साती से भी कठिन

शनि महादशा साढ़े साती से क्यों अधिक कठिन मानी जाती है? जानें शनि देव के प्रभाव, शनि महादशा के लक्षण और आसान उपाय जैसे हनुमान पूजा, मंत्र जाप, पीपल पूजा और दान से शनि दोष से मुक्ति पाएं।

Shani Mahadasha Effects: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को ‘कर्मफल दाता’ और न्यायाधीश माना गया है। शनि महादशा का प्रभाव व्यक्ति के जीवन के हर क्षेत्र—करियर, स्वास्थ्य, विवाह, धन और मान-सम्मान—पर पड़ता है। अक्सर लोग साढ़े साती से शनि को जोड़कर डरते हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार शनि की महादशा साढ़े साती से भी अधिक गहरा और लंबी अवधि वाला प्रभाव डाल सकती है।

शनि महादशा क्यों अधिक कठिन होती है

जन्म कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति होने पर महादशा 19 वर्षों तक व्यक्ति को मानसिक तनाव, आर्थिक अस्थिरता और सामाजिक मान-सम्मान की हानि दे सकती है। शनि देव न्याय के देवता हैं, इसलिए यह दशा व्यक्ति के कर्मों के अनुसार परिणाम देती है। यदि व्यक्ति सजग और श्रद्धावान होकर उपाय करता है, तो शनि के अशुभ प्रभाव कम किए जा सकते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।

शनि महादशा के प्रभाव

करियर और व्यवसाय में बाधाएँ

स्वास्थ्य में परेशानियाँ

धन और आर्थिक स्थिति में अस्थिरता

परिवार और संबंधों में तनाव

मानसिक दबाव और चिंता

शनि महादशा से बचाव के उपाय

1. हनुमान जी की पूजा

शनिवार और मंगलवार को हनुमान चालीसा या सुंदरकांड पाठ करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। यह उपाय मानसिक बल और संकटों से लड़ने की शक्ति देता है।

2. शनि मंत्र जाप

“ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का रोज़ 108 बार जाप रुद्राक्ष की माला से करें। यह शनि के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है।

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3. भगवान शिव की आराधना

भगवान शिव का जलाभिषेक और महामृत्युंजय मंत्र जाप से शनि महादशा के दुष्प्रभाव कम होते हैं और जीवन में स्थिरता आती है।

4. पीपल वृक्ष की पूजा

शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना शुभ माना गया है। इससे आर्थिक स्थिरता और सामाजिक मान-सम्मान मिलता है।

5. दान और सेवा

शनि देव दान और सेवा से प्रसन्न होते हैं। शनिवार को काले वस्त्र, सरसों का तेल, उड़द, लोहे या काले जूते का दान करें। निर्धन, वृद्ध और दिव्यांग लोगों की सेवा भी शुभ फल देती है।

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