“जोडियां “स्वर्ग में नहीं नरक में बनती है”: बॉम्बे हाई कोर्ट

पति पत्नी के बीच घरेलू विवाद के एक मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने जोड़ियां बनने के मुहावरे के संदर्भ में कुछ अलग ही बात कही। ।जस्टिस सारंग कोतवाल की बेंच पति की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमे उसकी पत्नी ने क्रूरता और दहेज की मांग करने का आरोप लगाया था और ये शादीशुदा कपल साथ रहने को तैयार नहीं था। अदालत ने देखा कि पति और पत्नी ने एक दूसरे के खिलाफ़ क्रॉस शिकायतें दर्ज कराई थी। जस्टिस कोतवाल ने आदेश में कहा एफआईआर से पता चलता है कि पति और पत्नी एक साथ नहीं रह सकते और उनके बीच लगातार झगड़े होते थे मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस कोतवाल ने गुस्से में कहा जोड़ियां स्वर्ग में नहीं नरक में बनती है।

मामला ये है कि एक महिला ने दिसंबर 2021 में अपने पति के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई थी। उसने आरोप लगाया था कि 2017 में उनकी शादी के दौरान पति का परिवार अपने घर के हर सदस्य के लिए एक सोने का सिक्का की मांग कर रहा था क्योंकि महिला का परिवार मांग पूरी नहीं कर सका इसलिए ससुराल वाले उसे परेशान करते थे। पत्नी ने दावा किया है कि उसने फ्लैट खरीदने के लिए ₹13,50,000 रुपए दिए। उस फ्लैट में दंपत्ति अपने 3 साल के बेटे के साथ रहते थे। उसने बताया कि पति ने ये दिखाने के लिए कि वे उसके साथ मारपीट करती है खुद पर कुछ घाव भी किए थे ।

दूसरी ओर पति का आरोप यह था कि उसने फ्लैट के लिए लोन लिया था और शादी के बाद वह अपनी पत्नी को मॉरिशस ले गया था। उसने सेल फ़ोन भी पत्नी को गिफ्ट किया था। वॉट्सऐप चैट के जरिए अदालत को बताया कि कैसे उसे पत्नी लगातार परेशान कर रही थी। पति ने आरोप लगाया कि पत्नी के खिलाफ़ उसने शिकायत दर्ज की थी आज जवाब स्वरूप पत्नी ने भी पति पर केस दर्ज कर दिया।

जस्टिस कोतवाल ने दोनों पक्षों की दलीलों पर विचार करने के बाद नतीजा निकाला कि पति की हिरासत से इस मुदे का हल नहीं होगा। जांच के उद्देश्य से भी पुरुष, से हिरासत में पूछ्ताछ की जरूरत नहीं है। उन्होंने पुलिस को निर्देश दिया कि गिरफ्तारी की स्थिती में पति को 30,000 रुपये की जमानत पर रिहा किया जाए।

 

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