देशभर में 28 फरवरी का दिन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को महान वैज्ञानिक सीवी रमन के सम्मान और स्मृति में मनाया जाता है। दुनिया के सबसे महान वैज्ञानिकों में से एक प्रो सीवी रमन का काम विज्ञान के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण रहा है और उनका जीवन कई लोगों के लिए एक सीखने वाला सबक रहा है।
हमेशा शोध में रुचि रखने वाले सीवी रमन प्रकाश प्रकीर्णन के क्षेत्र में उस्ताद के रूप में जाने जाते थे। अपने अधिकांश शैक्षिक जीवन में एक टॉपर रहे। प्रोफेसर रमन ने ध्वनिकी और प्रकाशिकी में कुछ प्रमुख योगदान दिया। उन्हें महान शिक्षक के रूप में भी देखा जाता है। उन्हें साल 1917 में राजाबाजार साइंस कॉलेज में भौतिकी के प्रोफेसर नियुक्त किया गया था।
28 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है नेशनल साइंस डे
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को रमन प्रभाव की खोज को चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है। प्रोफेसर सीवी रमन ने रमन इफेक्ट की खोज की और भौतिकी में उनके इस योगदान ने साल 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार भी दिलाया। महान भारतीय वैज्ञानिक की इस खोज की विदेश में एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है।
साल 1921 में भूमध्य सागर के नीले रंग के पीछे का कारण जानने की उनकी उत्सुकता बढ़ी। नीले रंग के कारण को समझने के लिये उन्होंने पारदर्शी सतहों, बर्फ के ब्लॉक और प्रकाश के साथ विभिन्न प्रयोग किए। फिर उन्होंने बर्फ के टुकड़ों से प्रकाश के गुजरने के बाद तरंग दैर्ध्य में बदलाव देखा। इसे ही रमन इफेक्ट कहा गया। इस खोज ने भौतिकी के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया।
बहुत जल्द ही सीवी रमन ने इस नई खोज के बारे में पूरी दुनिया को बताया। उनके शोध अखबारों और साइंस पत्रिकाओं में छपने लगे। लोगों को साइंस के क्षेत्र में बहुत कुछ नया जानने को मिल रहा था।
साइंस के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन ने नेशनल साइंस डे के रूप में मनाने का फैसला किया।
प्रो सीवी रमन के योगदान
प्रोफेसर सी वी रमन ने तबला और मृदंग जैसे भारतीय ड्रमों की ध्वनि की सुरीली प्रकृति को चेक किया और ऐसा करने वाले वो पहले व्यक्ति थे। साल 1930 में पहली बार किसी भारतीय को विज्ञान के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान, भौतिकी में नोबेल पुरस्कार मिला। साल 1943 में उन्होंने बैंगलोर के पास रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की। भौतिकी को रमन इफेक्ट दिया, जिसका भौतिकी में बहुत खास योगदान है। साल 1954 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। साल 1957 में रमन को लेनिन शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। सीवी रमन की खोज की याद में भारत हर साल 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाता है।