विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 2025: पीएम मोदी और अमित शाह ने याद किया 1947 का दर्दनाक बंटवारा, कांग्रेस पर साधा निशाना

14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 2025 मनाया। पीएम मोदी, अमित शाह और राजनाथ सिंह ने 1947 के विभाजन की पीड़ा को याद किया और कांग्रेस पर देश को बांटने का आरोप लगाया। पढ़ें पूरी खबर।

14 अगस्त 2025 को देश भर में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) मनाया गया। इस दिन देश के विभाजन के दौरान हुए दर्द, पीड़ा और विस्थापन को याद किया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर देशवासियों को संबोधित किया और 1947 के विभाजन से प्रभावित हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने विभाजन पीड़ितों को किया याद

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक संदेश साझा करते हुए कहा कि: “भारत आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह दिन उन सभी लोगों के साहस और धैर्य को नमन करने का अवसर है जिन्होंने 1947 में देश के विभाजन के समय अकल्पनीय दुख और पीड़ा झेली। अनेक लोगों ने अपनी जान गंवाई, अपना घर-परिवार खोया, लेकिन फिर भी उन्होंने नई शुरुआत कर देश के निर्माण में योगदान दिया।” उन्होंने कहा कि यह दिवस हमें यह भी याद दिलाता है कि हम सभी को देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास करना होगा।

अमित शाह ने कांग्रेस पर लगाया देश को बांटने का आरोप

गृह मंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि: “14 अगस्त 1947 को कांग्रेस ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश को टुकड़ों में बांट दिया। इसका परिणाम लाखों लोगों के जीवन में आया अकल्पनीय दर्द, हिंसा और विस्थापन था। मां भारती के स्वाभिमान को चोट पहुंची।”

उन्होंने आगे कहा कि करोड़ों लोगों ने विभाजन की त्रासदी झेली और आज भी उनकी पीड़ा को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि इस दिन को केवल स्मृति के तौर पर नहीं बल्कि राष्ट्र की एकता के संकल्प के रूप में भी मनाया जाए।

राजनाथ सिंह ने जताई संवेदना

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने संदेश में विभाजन के दौरान प्रभावित लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा: “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें 1947 की उस भयावह त्रासदी की याद दिलाता है, जब लाखों निर्दोष लोगों को नफरत और हिंसा का शिकार होना पड़ा। हम आज भी उन पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़े हैं और सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

1947 का विभाजन: इतिहास की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदियों में से एक

भारत को 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन इसके साथ ही देश को एक भयंकर कीमत चुकानी पड़ी — भारत और पाकिस्तान का बंटवारा। इस विभाजन के कारण लगभग 2 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए और लाखों की संख्या में लोग मारे गए। यह दुनिया के इतिहास में सबसे बड़े मानव पलायनों (Mass Migration) में से एक था।

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विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस: उद्देश्य और महत्व

हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य उन लाखों लोगों को श्रद्धांजलि देना है जिन्होंने 1947 के विभाजन के समय अपने प्रियजनों को खोया, घर-बार छोड़ा और शरणार्थी बनकर नई जिंदगी शुरू की। साथ ही यह दिन देशवासियों को राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द की भावना को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है।

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