बिजनेस डेस्क। बैंक ग्राहकों को चेक धोखाधड़ी से बचाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने मंगलवार को कहा कि वह बड़े ट्रांजेक्शन के लिए 4 अप्रैल से पॉजिटिव पे सिस्टम (पीपीएस) को अनिवार्य कर देगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, PNB ने 1 जनवरी 2021 से CTS क्लीयरिंग में प्रस्तुत 50,000 रुपए और उससे अधिक के चेक के लिए PPS की शुरुआत की थी। लेंडर ने कहा कि PPS अब अगले महीने से 10 लाख रुपए या उससे ऊपर के चेक के लिए अनिवार्य हो जाएगा।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित पॉजिटिव पे सिस्टम (पीपीएस) के तहत, हाई वैल्यू चेक जारी करने वाले कस्टमर को कुछ आवश्यक डिटेल की फिर से पुष्टि करनी होती है, जिन्हें भुगतान से पहले क्लीयरिंग चेक प्रस्तुत करते समय क्रॉस-चेक किया जाता है।
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पीएनबी ग्राहकों को अकाउंट नंबर, चेक नंबर, चेक अल्फा कोड, जारी करने की तारीख, राशि, लाभार्थी का नाम जैसे विवरण साझा करने की आवश्यकता है। चेक को क्लीयिंरग के लिए प्रस्तुत करने से कम से कम 24 घंटे पहले इन डिटेल्स को बैंक के साथ शेयर करना होगा। ग्राहक अपने इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एसएमएस बैंकिंग या अपनी होम ब्रांच के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में डिटेल शेयर कर सकते हैं। बैंक ने कहा कि पीपीएस में रजिस्टर्ड चेक केवल विवाद समाधान तंत्र के तहत स्वीकार किए जाएंगे।
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पिछले साल, आरबीआई ने बैंकों को पीपीएस प्रणाली लागू करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे ताकि ग्राहकों को हाई वैल्यू चेक के फ्रॉड कलेक्शन से बचाया जा सके। इसने बैंकों को निर्देश दिया कि वे सभी खाताधारकों के लिए 50,000 रुपये और उससे अधिक की राशि के चेक जारी करने की सुविधा को सक्षम करें। इसने यह भी कहा था कि सुविधा का लाभ उठाना खाताधारक के विवेक पर है, बैंक 5 लाख और उससे अधिक के चेक मूल्यों के लिए इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकते हैं।
