President Smt. Draupadi Murmu ने (26 सितंबर, 2024) सियाचिन बेस कैंप का दौरा किया और सियाचिन युद्ध स्मारक पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
- यह युद्ध स्मारक 13 अप्रैल, 1984 को सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय सेना के ऑपरेशन मेघदूत शुरू करने के बाद से शहीद हुए सैनिकों और अधिकारियों के बलिदान का प्रतीक है।
- राष्ट्रपति ने वहां तैनात सैनिकों को भी संबोधित किया।
President Smt. Draupadi Murmu ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर के रूप में उन्हें उन पर बहुत गर्व है और देश के सभी नागरिक उनकी बहादुरी और जज्बे को सलाम करते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि अप्रैल 1984 में शुरू किए गए ऑपरेशन मेघदूत के बाद से भारतीय सशस्त्र बलों के बहादुर सैनिकों और अधिकारियों ने इस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की है। यहां तैनात अधिकारी और जवान प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों का सामना करते हैं। जबरदस्त बर्फबारी और शून्य से 50 डिग्री नीचे तापमान जैसी कठिन परिस्थितियों में भी वे पूरी निष्ठा और सतर्कता के साथ अपने मोर्चे पर डटे रहते हैं।
यहां तैनात जवान और अधिकारी मातृभूमि की रक्षा के लिए त्याग एवं सहनशीलता का असाधारण उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। उन्होंने सैनिकों से कहा कि सभी देशवासी उनके बलिदान और बहादुरी से अवगत हैं और उनका सम्मान करते हैं।
Source: https://pib.gov.in/