धर्म

Bhadrapada Purnima Vrat 2025: जानें तिथि, व्रत की सरल पूजा विधि और इसका धार्मिक महत्व

Bhadrapada Purnima Vrat 2025 का पर्व 7 सितंबर को मनाया जाएगा। जानें इस दिन व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और भगवान विष्णु की आराधना का महत्व।

Bhadrapada Purnima Vrat 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु और सत्यनारायण भगवान को समर्पित होता है। भक्तजन इस दिन व्रत रखते हैं, पूजन करते हैं और सत्यनारायण कथा का पाठ कर पुण्य अर्जित करते हैं। भाद्रपद माह की पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा कहा जाता है, और यह तिथि 7 सितंबर 2025, रविवार को पड़ रही है।

Bhadrapada Purnima Vrat 2025: 7 सितंबर 2025 को रात्रि 11:38 PM, चंद्रोदय का समय: शाम 6:26 PM

पूर्णिमा व्रत का महत्व (Significance of Purnima Vrat)

पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। यह व्रत: पापों के नाश के लिए, मानसिक शुद्धि के लिए, संतान सुख की प्राप्ति के लिए, समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु किया जाता है।

इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में दिखाई देता है, जिसे अध्यात्मिक दृष्टि से शुद्ध और शुभ माना जाता है।

भाद्रपद पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि (Bhadrapada Purnima Vrat 2025 Vidhi)

सुबह की तैयारी: ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें। यदि संभव हो तो पवित्र नदी में स्नान करें। साफ-सुथरे स्थान पर चौकी बिछाकर भगवान विष्णु और सत्यनारायण की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

व्रत का संकल्प लें और मंत्र जप करें: “ॐ विष्णवे नमः मम संकल्पितं पूर्णिमा व्रतं सफलं कुरु”

पूजन सामग्री:

पंचामृत

तुलसी पत्ते

पीले पुष्प

पीले वस्त्र

चंदन

धूप, दीप

फल, खीर, हलवा या मोदक (प्रसाद के लिए)

also read:- Anant Chaturdashi 2025: जानें पूजा की सही विधि, शुभ…

पूजन विधि:

भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं।

उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं और फूल, तुलसी पत्र अर्पित करें।

दीप-धूप जलाएं और भोग लगाएं।

संध्या के समय चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करें।

पूरे दिन निराहार व्रत रखें या फलाहार करें (यदि पूर्ण उपवास संभव न हो)।

सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करें और अंत में आरती करें।

पूजा पूर्ण होने के बाद फलाहार या हल्का सात्विक भोजन करें।

सत्यनारायण व्रत कथा का महत्व

सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करना इस दिन विशेष फलदायी माना गया है। इससे भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। कथा के दौरान ध्यान, श्रद्धा और विश्वास अनिवार्य है।

Visit WhatsApp Channel: https://whatsapp.com/channel/0029Vb4ZuKSLSmbVWNb1sx1x

Related Articles

Back to top button