होली का तोहफा: सरकार ने लागू की पुरानी पेंशन योजना, लाखों कर्मचारियों की बल्ले बल्ले

होली से पहले ही राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना बहाल हो गई है। इससे लाखों सरकारी कर्मचारियों को होली का तोहफा मिल गया है। इससे राजस्‍थान सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना वापस लाने वाला पहला राज्य बन गया है।

जनवरी 2004 से NPS

पश्चिम बंगाल को छोड़कर बाकी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में नई पेंशन योजना (National Pension System, NPS) लागू है। केंद्र ने 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद सरकारी सेवा (Government Jobs) में आए अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एनपीएस की शुरुआत की है। सशस्त्र बलों को छोड़कर बाकी सभी विभागों में NPS लागू है।

बजट में ऐलान

राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में कहा कि हम सभी जानते हैं कि सरकारी सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को भविष्य को लेकर सुरक्षित महसूस करना चाहिए, तभी वे सेवा अवधि के दौरान सही दिशा में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। इसलिए 1 जनवरी 2004 को या उसके बाद नियुक्त सभी कर्मचारियों के लिए मैं पुरानी पेंशन योजना लागू करने का प्रस्ताव करता हूं।

क्‍या है NPSऔर OPS में अंतर

NPS contributory mechanism है जबकिOPS defined mechanism। सरकार NPS को इसलिए लाई क्‍योंकि पेंशन पेमेंट की लागत ज्‍यादा थी।OPS के तहत कर्मचारियों को पूर्व तय फार्मूले के तहत पेंशन मिलती है, जो अंतिम वेतन का आधा होती है। उन्हें साल में दो बार महंगाई राहत ;क्त्द्ध में बढ़ोतरी का भी फायदा मिलता है।

NPS में कॉन्ट्रिब्‍यूशन
नया सिस्‍टम योगदान पर चलता है, जहां एक कर्मचारी मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत जमा करता है। केंद्र पहले इतना ही योगदान दे रहा था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया है। हालांकि, राज्य सरकारों ने अपना 10 प्रतिशत योगदान जारी रखा है। अब इस साल के बजट में राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते में नियोक्ता के योगदान के लिए कर कटौती की सीमा को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया है। इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा फायदों को बढ़ाने और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाने में मदद मिलेगी।

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