Antibiotic Side Effects: बात-बात पर एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए! बड़ा नुकसान पेट में हो सकता है

Antibiotic Side Effects: गट हेल्थ से हमारा पाचन ही नहीं बल्कि पूरी शारीरिक सिस्टम जुड़ा हुआ है। गट की सेहत सीधे आपके भोजन और पेय पर प्रभावित होती है। डॉक्टर से जानिए क्या हानि होती है?
Antibiotic Side Effects: आज लोग गट सेहत को लेकर काफी सतर्क हैं। खाने-पीने से हमारी गट की सेहत सबसे जल्दी प्रभावित होती है। हमारा पेट, या बड़ी आंत, गट है। गट में एक किलो से अधिक वजन वाले हजारों बैक्टीरिया होते हैं। ये छोटे-छोटे बैक्टीरिया पेट और पाचन में बहुत महत्वपूर्ण हैं। लेकिन गट में सिर्फ अच्छे बैक्टीरिया नहीं रहते हैं। गट में कुछ बुरे बैक्टीरिया भी होते हैं जो बीमार होते हैं। आइये जानते हैं गट हेल्थ को कैसे ठीक रखें और गट में पनप रहे गुड बैक्टीरिया के दुश्मन क्या हैं?
हमने डॉक्टर अमरेंद्र सिंह पुरी (वाइस चेयरमैन, IDSH, मेदांता) से गट हेल्थ का ख्याल कैसे रखें इसके बारे में बात की। डॉक्टर अमरेंद्र सिंह पुरी ने कहा, “कई बार आपको कुछ भी इंफेक्शन होता है और आप एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने लगते हैं।” इंफेक्शन को ठीक करने के लिए एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं, लेकिन ये दवाएं बैक्टीरिया को मारने के अलावा पेट, यानी गट की सेहत पर भी प्रभाव डालती हैं।
एंटीबायोटिक दवाएं गुड बैक्टीरिया को डैमेज करती हैं
बार-बार लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करने से गट बैक्टीरिया भी मर जाते हैं। विशेष रूप से 50 से 60 वर्ष की उम्र के बाद जब बॉयोडायवर्सिटी कम हो जाती है ऐसे में ये एंटीबायोटिक गुड बैक्टीरिया को डैमेज करती हैं। जो डायरिया का कारण बन सकता है। इनमें से एक एंटी बायोटिक एसोसिएटेड डायरिया (माइल्ड डायरिया) इतना गंभीर होता है कि मौत भी हो सकती है। यह होता है जब गट के सभी अच्छे बैक्टीरिया मर जाते हैं। जब बैड बैक्टीरिया ही जीवित रहते हैं, तो वे आंत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यहां तक कि ऐसी स्थिति में मौत भी हो सकती है।’
एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल सोच-समझकर करें
डॉक्टर अमरेंद्र सिंह पुरी ने कहा कि एंटीबायोटिक्स को सोच-समझकर प्रयोग करें। पेट की बीमारी होने पर लोग एंटीबायोटिक लेते हैं, जो बिल्कुल गलत है। क्योंकि सेल्फ लिमिटिंग ही कम उम्र में होने वाली समस्याएं हैं ये वायरल डायरियाज होते हैं। इसमें एंटीबायोटिक से फायदा बिल्कुल कम और नुकसान बहुत ज्यादा होता है। इसलिए जो एंटीबायोटिक दवाएं हैं वो डॉक्टर की सलाह से ही लें। पॉली फार्मसी यानि मल्टीपल यूज ऑफ एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल ठीक नहीं है। खासतौर से जिनकी उम्र ज्यादा है उन्हें इससे बचना चाहिए। अगर आप 1 महीने तक कोई एंटीबायोटिक लेते हैं तो इससे काफी नुकसान हो सकता है।
खराब गट स्वास्थ्य इन बीमारियों का जन्म देता है
गट की खराब सेहत लंबे समय तक रहने से ऑटोइम्यून डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। ऑटोइम्यून डिजीज का अर्थ है कि आपकी बॉडी के सेल्स आप पर हमला करने लगते हैं। इसके परिणामस्वरूप आपको ऑटोइम्यून पैनक्रियाज, ऑटोइम्यून थायराइड और ऑटोइम्यून नर्व्स सिस्टम हो सकता है। इसमें गट बैक्टीरिया का बड़ा रोल है। ऐसे हालात में, हमारे शरीर के अंदर पाए जाने वाले बैक्टीरिया अपने ही शरीर पर हमला करते हैं, जिससे आंत खराब हो जाती है। इसमें अल्सरेटिव कोलाइटिस और क्रोहन डिजीज दो बीमारियां आती है। ये दोनों ऑटोइम्यून डिजीज है।