MP Cabinet Decision: CM मोहन यादव ने कैबिनेट बैठक में बड़े निर्णय लिए, 50 हजार पदों पर भर्ती और किसानों को भी राहत दी

MP Cabinet Decision: कैबिनेट ने तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की संगठनात्मक सरंचना में 49 हजार नवीन पदों सहित 77 हजार 298 पदों की स्थापना की अनुमति दी।
MP Cabinet Decision: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें कई निर्णय शामिल हैं, जिनमें विद्युत वितरण कंपनियों में लगभग 50 हजार नए नियमित पदों पर भर्ती शामिल है।
कैबिनेट बैठक (MP Cabinet Decision) में मंत्रि-परिषद ने प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि (कैम्पा निधि) के लिए वर्ष 2025–2026 की वार्षिक कार्य आयोजना में अनुमोदित कार्यों के क्रियान्वयन के लिए 1478 करोड़ 38 लाख रुपये में से 1038 करोड़ रुपये का उपयोग करने की अनुमति दी। 80 प्रतिशत धन वन और वन्यजीव प्रबंधन पर और 20 प्रतिशत वन और वन्यजीव संबंधी अधोसंरचना के सुदृढीकरण पर खर्च किया जाता है।
स्वीकृत प्रावधानों के अनुसार, मध्यप्रदेश में पिछले वर्षों में किए गए कार्यों में रख-रखाव, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, लैण्डस्केप के आधार पर बिगड़े वनों का सुधार, नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में वनीकरण, मृदा और जल संरक्षण, ग्रामीणों की आजीविका के लिए गांवों की सीमा से लगे वनक्षेत्रों में बांस प्रजाति सहित वृक्षारोपण, वन्यप्राणी संरक्षित संरक्षित क्षेत्रों के गांवों से स्वैच्छिक विस्थापन, बफर क्षेत्र सहित संरक्षित क्षेत्रों में रहवास का विकास, नगर वनों की स्थापना, वन एवं वन्यप्राणी संबंधी अधोसंरचना सुदृढीकरण और ग्रामीणों की क्षमता विकास से संबंधित कार्य किये जाएंगे
66 नए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना और 134 नौकरियों की मंजूरी-MP Cabinet Decision
कैबिनेट द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत 66 नवीन आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, संचालन और भवन निर्माण की अनुमति दी गई. ये केंद्र धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में शामिल हैं। स्वीकृति के अनुसार, 66 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन करने के लिए मानसेवी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 66 पद, मानसेवी आंगनबाड़ी सहायिका के 66 पद और आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करने वाले पर्यवेक्षक के 02 पदों की स्थापना की मंजूरी दी गई।
भारत सरकार से मिली अनुमति के अनुसार, वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक योजना पर धन खर्च किया जाएगा। योजना पर उल्लेखित अवधि में 15 करोड़ 21 लाख रूपये का व्यय अनुमानित है, जिसमें 9 करोड़ 55 लाख रूपये का केन्द्रांश व्यय और 5 करोड़ 66 लाख रूपये का राज्यांश व्यय शामिल हैं।
लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल का विकास
मंत्रि-परिषद ने निजी निवेशक को लेक व्यू रेसीडेंसी होटल भोपाल को जन-निजी भागीदारी (PPP) के आधार पर डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (DBFOT) के आधार पर होटल का विकास, संचालन, रखरखाव और प्रबंधन करने के लिए पर्यटन विभाग के विभागीय बजट से भारित पंजीयन और मुद्रांक शुल्क देने का अनुमोदन दिया।
विद्युत वितरण कंपनियों ने लगभग 50 हजार नौकरियों को मंजूरी दी
मंत्रि-परिषद ने तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की संगठनात्मक सरंचना में 49 हजार 263 नवीन पदों सहित 77 हजार 298 पदों की स्थापना की अनुमति दी। नियमित पदों की स्थापना ने पहले से स्वीकृत 17 हजार 620 पदों में से 17 हजार 620 को खारिज कर दिया है. डाइंग कैडर में 5650 पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति और त्यागपत्र के बाद ये पद भी खारिज होंगे।
सीधी भर्ती के पदों की गणना करते समय इन पदों को ध्यान में रखा जाएगा। (MP Cabinet Decision) विद्युत वितरण कंपनियों में संविदा आधार पर काम करने वाले कर्मचारी, आयु सीमा पूरी होने तक या सीधी भर्ती के पद पर चयनित होने तक काम कर सकेंगे। कंपनियों को नियमित पदों पर सीधी भर्ती के रिक्त पदों की गणना करते समय समकक्ष पद पर तत्काल कार्यरत संविदा कर्मचारियों की संख्या को कम करना चाहिए। ऊर्जा विभाग को वितरण कंपनियों को संगठनात्मक संरचना के अनुरूप समय-समय पर कर्मचारियों की भर्ती करने की अनुमति दी गई है।
ग्रीष्मकालीन उड़द और मूंग की खेती की स्वीकृति
MP Cabinet Decision- मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत, रबी विपणन वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द के उपार्जन के लिए निःशुल्क शासकीय प्रत्याभूति दी गई, और रबी विपणन वर्ष 2024-25 में लक्ष्य से अधिक उपार्जित ग्रीष्मकालीन मूंग की स्वीकृति दी गई। साथ ही, राज्य उपार्जन एजेंसी मध्य प्रदेश राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित को ग्रीष्मकालीन वर्ष 2024-25 (विक्रय वर्ष 2025-26) में पंजीकृत कृषकों से मूंग और उड़द खरीदने का फैसला किया गया है।
किसानों को भी सौगात
MP Cabinet Decision-मंत्रि-परिषद ने राज्य के सभी कृषकों की सिंचाई जलकर की राशि से ब्याज राशि (शास्ति दण्ड) माफ कर दी। निर्णय के अनुसार, ब्याज का भुगतान 31 मार्च 2026 तक माफ किया जाएगा यदि कृषक 31 मार्च 2025 तक सिंचाई जलकर का पूरा भुगतान करते हैं।
शासन इस तरह लगभग 84 करोड़ 17 लाख रुपये की ब्याज माफ करेगा। 31 मार्च 2025 तक, कृषकों पर सिंचाई जलकर का बकाया 647 करोड़ 67 लाख रुपए था। इसमें मूल्य 563 करोड़ 29 लाख और ब्याज 84 करोड़ 17 लाख है। उल्लेखनीय है कि 2022–2023 में 45 करोड़ 58 लाख रुपए का सिंचाई राजस्व प्राप्त हुआ, 2023–34 में 36 करोड़ 98 लाख रुपए का और 2024–25 में 35 करोड़ 43 लाख रुपए का। 3 नवीन राजस्व संभागों में क्षेत्रीय कार्यालयों की स्थापना और चार नव गठित जिलों के लिए सात सहायक संचालक पदों की स्थापना की अनुमति दी गई है।
कई पदों पर अनुमोदन
मंत्रि-परिषद ने संचालनालय, स्थानीय निधि संपरीक्षा और क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा के लिए 07 सहायक संचालक पदों की स्वीकृति दी है. इसके अलावा, मंत्रि-परिषद ने चार नवगठित जिलों निवाडी, मैहर, मऊगंज और पाढुर्णा में क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधि संपरीक्षा की स्थापना की है। यह निर्णय पंचायतराज संस्थाओं के लेखों की संपरीक्षा को समय सीमा में पूरा करने के लिए किया गया है, ताकि अगली कार्रवाई हो सके। विद्युत विकासकों से पहले विद्युत क्रय अनुबंध को समाप्त करने का फैसला
मंत्रि-परिषद ने एमपीपीएमसीएल से प्रदेश में दीर्घकालीन ताप विद्युत खरीदने के लिए जारी निविदा में इंगित विद्युत विकासकों या उनकी पश्चातवर्ती कंपनी के साथ पहले मात्र वेरियेबल दर (5 या 10 प्रतिशत) पर विद्युत खरीदने का अनुबंध समाप्त कर दिया है।
निर्णय के अनुसार, प्रत्येक अनुबंध के विकासकों से प्री-इस्टीमेटेड लिक्विडेटेड डेमेजेज (10 लाख रूपये प्रति मेगावाट) की राशि की वसूली की जाएगी। तीन लाख रुपये प्रति मेगावाट की विकासकों की जमा बैंक गारंटी (MP Cabinet Decision)जमा होने के बाद वापस मिलेगी। विशेष रूप से, उपरोक्त श्रेणी के विकासकों से समाप्त किए गए विद्युत क्रय अनुबंध अंतर्गत को भी समाप्त और खत्म किया जाएगा।साथ ही, अनुबंध के अनुसार, जो विकासक अपनी ऊर्जा उत्पादन का शतप्रतिशत एमपीपीएमसीएल नहीं उपलब्ध कराएंगे, उन पर यथावत लागू होगा।
ये निर्णय भी लिए गए
MP Cabinet Decision-मंत्रि-परिषद द्वारा भारतीय स्टांप (मध्यप्रदेश संशोधन) विधेयक, 2025 का अनुमोदन दिया गया है. अनुमोदन अनुसार मूल्य सूचकांक में परिवर्तन के परिप्रेक्ष्य में कतिपय संव्यवहारों पर देय शुल्क के संबंध में विशिष्ट प्रावधान किये जायेंगे. इससे लगभग 212 करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त होगा