पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत अपने नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा के सदस्यों सहित किसी भी व्यक्ति को जनता से बिना अनुमति डेटा एकत्र करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
चीमा ने भाजपा पर मतदाता सूची में हेरफेर करने और डेटा संग्रह शिविरों के माध्यम से लोगों के बैंक खातों से पैसे निकालने का आरोप भी लगाया। उन्होंने पंजाब भाजपा को चुनौती दी कि वह केंद्र सरकार पर दबाव डालकर लंबित जीएसटी मुआवजे और अन्य वित्तीय सहायता जारी कराने में मदद करे।
पंजाब भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में वित्त मंत्री ने कहा कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के आधार, मतदाता कार्ड या अन्य व्यक्तिगत दस्तावेज एकत्र नहीं कर सकता। उन्होंने भाजपा द्वारा चलाए जा रहे डेटा संग्रह शिविरों को अवैध बताते हुए इसके गंभीर परिणामों की चेतावनी दी।
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हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भाजपा की चुनावी रणनीतियां और मतदाता सूची में हेरफेर करने के प्रयास लोकतंत्र को कमजोर करने वाली गतिविधियां हैं। उन्होंने दिल्ली और बिहार जैसे अन्य राज्यों में चुनावों में हुई अनियमितताओं का उदाहरण भी दिया।
वित्त मंत्री ने पंजाब सरकार की नागरिक-केंद्रित सेवाओं का भी उल्लेख किया, जिनके तहत लगभग 500 सरकारी योजनाएं सीधे लोगों के घरों तक पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य भर में सेवा केंद्र नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में सहायक हैं।
चीमा ने पंजाब की भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि वे केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी मुआवजे, ग्रामीण विकास निधि और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए फंड जारी करने की मांग करें। उन्होंने पंजाब के किसानों की बहादुरी की भी सराहना की, जिन्होंने विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी और जीत हासिल की।
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